भाजपा समर्थक पार्षदों ने किया बैठक का बहिष्कार
संवाद सहयोगी, नादौन : नगर पंचायत नादौन की बैठक शनिवार को भाजपा समर्थक पार्षदों के बहिष्कार के चलत
संवाद सहयोगी, नादौन : नगर पंचायत नादौन की बैठक शनिवार को भाजपा समर्थक पार्षदों के बहिष्कार के चलते स्थगित कर दी गई। इस कारण वार्षिक बजट पेश नहीं हो पाया। बैठक में कांग्रेस समर्थक प्रधान के अलावा प्रेम चंद, सोहन लाल, किरण वाला तथा सरकार द्वारा मनोनीत पार्षद बलदेव चौधरी ने ही भाग लिया। भाजपा समर्थक उपप्रधान तरुण कपिल, रमा जैन, आशा सोनी, तरसेम कपिल, कल्पना तथा मनोनीत पार्षद मोती शर्मा व विनोद सेठी बैठक में उपस्थित नही हुए। भाजपा समर्थक पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार किए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि नगर-पंचायत के पास सीवरेज काम में खोदाई करने के बाद गलियों को पक्का करने के लिए एक करोड़ रुपये आए थे। नगर-पंचायत ने सारी राशि आइपीएच विभाग के सुपुर्द कर दी। अगर पक्की की गई गलियों का निरीक्षण करके चेक को रोक लिया जाता तो ठेकेदार द्वारा इस प्रकार काम की धज्जियां नही उड़ाई जाती। उन्होंने बताया कि एक साल के अंदर ठेकेदार द्वारा पक्की की गई गलियों को फिर से पक्का करने का काम नगर-पंचायत को करना पड़ेगा। जिससे नगर-पंचायत को भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर ही पक्की की गई गलियों से बजरी उखड़ने लग पड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दिनों बस स्टैंड पर जो टा¨रग का काम किया गया था वह भी घटिया किस्म का है। और कई स्थानों पर गड्ढे पड़ने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हर स्थान पर वार्षिक बजट पास हो गया है लेकिन नगर-पंचायत नादौन की आज तक बैठक ही आयोजित नहीं की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नपं की कई महीनों तक बैठक बुलाई नहीं जाती है जिससे शहर वासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर-पंचायत की बैठक में परचेंजिग कमेटी का गठन आम सहमति से किया गया था लेकिन सामान की खरीद-फरोख्त करते समय उन सदस्यों को कभी विश्वास में नही लिया जाता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नपं की बैठकों में जो प्रस्ताव कभी प्रस्तुत नही किए गए वह भी सर्वसहमति से पास हुए दर्शा दिए जाते हैं।
इस बाबत नगर-पंचायत सचिव पीसी बत्रा से बात करने पर उन्होंने कहा कि बजट पास करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल तक थी। बैठक प्रधान की सहमति से आयोजित की जाती है। उन्होंने बताया कि सामान खरीदने के लिए सरकार द्वारा प्रधान, नपं सचिव के साथ कनिष्ठ अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि सीवरेज की खोदाई के बाद पक्का करने के लिए जो धन आया था वह आइपीएच विभाग का था जिसे नपं रोक नहीं सकती थी। उन्होंने कहा कि जो भी समस्या किसी पार्षद को लगती है उसे बैठक में उठाया जाए सभी का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।