पढ़ाई के साथ संस्कार भी जरूरी
संवाद सहयोगी, भोरंज : विद्यार्थी जीवन में मिले संस्कार ही बेहतर भविष्य की नींव होते हैं। अध्यापकों व
संवाद सहयोगी, भोरंज : विद्यार्थी जीवन में मिले संस्कार ही बेहतर भविष्य की नींव होते हैं। अध्यापकों व अभिभावकों को विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ संस्कार भी देने चाहिए। यह बात एपीएमसी के अध्यक्ष प्रेम कौशल ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगवाड़ा के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई में कड़ी मेहनत करनी चाहिए। प्रतिस्पर्धा के युग में मेहनती विद्यार्थी ही लक्ष्य हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापक विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा को पहचानें तथा उनका उचित मार्गदर्शन करें। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ खेलों व सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए। आज युवा खेल व अन्य क्षेत्रों में भी करियर बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि नशे के कारण युवा पीढ़ी पतन की ओर अग्रसर हो रही है। नशे का सेवन करने से शारीरिक दुबर्लता के साथ सामाजिक व आर्थिक स्तर पर भी विघटन होता है। इसलिए युवाओं को नशे से दूर रहकर लक्ष्य हासिल करने के लिए मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से स्कूल परिसर को स्वच्छ रखने का आह्वान किया। उन्होंने विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट स्थान हासिल करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। प्रधानाचार्य यशवीर धीमान ने स्कूल की गतिविधियों की जानकारी दी। इस दौरान स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अनिल कटोच, माधुरी चंदेल, पवन कौशल, तिलक राज, गरीब दास, किशोरी लाल, कृष्ण चंद, राकेश डोगरा, रूपलाल आदि उपस्थित थे।