खतरे से खाली नहीं बड़सर की सड़कों पर सफर
संवाद सहयोगी, बड़सर : बड़सर उपमंडल की सड़कों पर सफर करना अब खतरे से खाली नहीं है। सड़कों की कई जगह टारिंग होने के साथ-साथ कई जगह डंगों व पेरापिट का निर्माण होना है। लेकिन सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है। सड़कों की बदतर हालत की वजह से बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों के वाहन दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। उपमंडल में पिछले दो वर्षो से सड़क दुर्घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है। उपमंडल में पिछले दो वर्षो में हुई दुर्घटनाओं का शिकार ज्यादातर बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक हुए हैं। क्योंकि मैदानी क्षेत्रों के ड्राइवर पहाड़ी क्षेत्र में ड्राइविंग का अनुभव न होने की वजह से दुर्घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यहां की खस्ताहाल व तंग सड़कें लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं की जिम्मेदार हैं। लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक के बावजूद सड़कों की हालत में सुधार नहीं हो पाया है। उपमंडल में ऐसी कई सड़कें हैं जो खस्ताहाल व तंग हैं। जरूरत के मुताबिक सड़कों के किनारे कई जगह पेरापिट व डंगों का निर्माण नहीं हो पाया है। कई सड़कों पर पुलियां तंग हैं। बड़सर-शाहतलाई मार्ग पर लगभग एक दर्जन पुलियां हादसों को न्योता दे रही हैं। इससे पहले भी इस सड़क मार्ग पर हुई दुर्घटनाओं में लगभग एक दर्जन से भी ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन सब पता होने के बावजूद लोक निर्माण विभाग अभी तक सड़कों की हालत को सुधार नहीं पाया है। सड़कों में पड़े गड्ढे व तंग मोड़ दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। इस संदर्भ में अधिशाषी अभियंता बीके अग्रवाल का कहना है कि जैसे-जैसे बजट का प्रावधान हो रहा है सड़कों की मरम्मत की जा रही है। सड़कों को चौड़ा करने का मामला विभाग के ध्यान में है। शीघ्र ही सड़क की हालत को सुधार दिया जाएगा।