गंदगी व लावारिस पशु मिलें तो समझो आ गई जोगीपुर पंचायत
जागरण संवाददाता, कागड़ा : शहर की एक ऐसी पंचायत भी है जहां पर गंदगी और लावारिस पशुओं की भरमार है। स्था
जागरण संवाददाता, कागड़ा : शहर की एक ऐसी पंचायत भी है जहां पर गंदगी और लावारिस पशुओं की भरमार है। स्थानीय लोगों को यहां तक कहते सुना जा सकता है कि गंदगी और लावारिस पशु दिखें तो समझ लो जोगीपुर गांव आ गया। जोगीपुर के लोग लावारिस पशुओं और गंदगी से काफी परेशान हैं। यहा पर कुछेक स्थानों पर कूड़ादान तो हैं, लेकिन कई लोग कहीं भी कूड़ा फेंक देते हैं। लावारिस पशु और कुत्ते यहां पर मुंह मारते देखे जा सकते हैं। पंचायत जनप्रतिनिधियों व लोगों का दर्द बुधवार को दैनिक जागरण के 'आइए प्रधान जी' कार्यक्रम में खूब छलका।
स्थानीय लोगों की मानें तो यहां पर गंदगी फैलने का मुख्य कारण लोगों के घरों में रह रहे किरायेदार हैं। कुछ जगहों पर किरायेदार लेबर का काम करने वाले हैं। मकान मालिक अन्य राज्यों के इन लोगों को शौचालय तक की सुविधा नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा लोग जहां जगह मिलती है वहीं पर कूड़ा फेंक देते हैं। शहर से नालियों में आने वाली गंदगी इसी पंचायत से होकर गुजरती है। इससे लोगों की दिक्कतें और भी बढ़ जाती हैं। वहीं, लावारिस पशुओं के कारण भी लोगों को परेशान होना पड़ता है। जोगीपुर पंचायत में गोसदन भी है, लेकिन इस पंचायत की दुखती रग यह है कि इस गोसदन में भी बाहरी क्षेत्रों के पशु लाए जा रहे हैं और पंचायत में मौजूद लावारिस पशु गोसदन में बहुत कम हैं। पंचायत ने गोसदन में काम करने वाले व्यक्ति की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए प्रस्ताव भी डाला है।
पंचायत के वार्ड छह छोटी हलेड़ में पेयजल की पाइपें डाली गई हैं। यहा पर सड़क के साथ गुजर रही पाच से ज्यादा ऐसी पेयजल पाइपें हैं जिनमें पानी ही नहीं है। इससे यहां पर लोगों को पानी के लिए भी परेशान होना पड़ता है। यहा एक नलकूप लगा है जिसके कनेक्शन भी मनमर्जी से दिए गए हैं।
मोहर सिंह, ग्रामीण
यहा एक ही रास्ता है और वह भी कभी सीवरेज के नाम पर तो कभी अन्य कार्यो के नाम पर खोदा जाता है। अच्छी बात है कि सीवरेज व अन्य कार्य होते हैं, लेकिन दुखद पहलू यह है कि खोदने के बाद ठेकेदार व विभाग यह भूल जाता है कि इस रास्ते को दोबारा पक्का भी करना है। ऐसे में ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ती है। इस तरह प्रशासन व विभाग का कोई ध्यान नहीं होता।
- अधिवक्ता धीरज शर्मा, ग्रामीण।
पूरे शहर की गंदगी जोगीपुर पंचायत झेलती है। सारी नालियों का गंदा पानी व गंदगी यहा नाले में आती है और यह नाला ओवर फ्लो हो जाता है। इस कारण आपपास इतनी सड़ास हो जाती है कि लोगों का जीना दूभर हो जाता है। समस्या उस वक्त ज्यादा बढ़ जाती है जब गर्मियों का मौसम होता है। लेकिन इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं।
अवतार सिंह, ग्रामीण।
लावारिस पशुओं से किसान परेशान हैं। अकसर यहा पर लावारिस पशु किसानों के खेतों में घुस जाते है और फसलें बर्बाद कर रहे हैं। शहर में घूमने वाले लावारिस पशु रात होते ही लोगों के खेतों का रुख कर लेते हैं। वहीं, जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर भी परेशानी का सबब हैं। लोग कई भी कूड़ा फेंक देते हैं, जिससे लोगों को परेशान होना पड़ता है।
- ज्ञान चंद, ग्रामीण।
लावारिस पशु इस पंचायत की सबसे बड़ी परेशानी हैं। शेष विकास कार्य तो हो रहे हैं, लेकिन पंचायत को गंदगी व लावारिस पशुओं ने काफी परेशान किया है। इसके लिए पंचायत की बैठक में भी कई बार चर्चा हो चुकी है। प्रस्ताव भी डाला है, लेकिन लावारिस पशुओं की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है।
रिंपल, उपप्रधान जोगीपुर।
जोगीपुर सबसे बड़ी पंचायत है और जितनी बड़ी यह पंचायत है इसकी समस्याएं भी उतनी ही बड़ी हैं। लावारिस पशुओं और गंदगी से लोग परेशान हैं। गोसदन भी उनकी पंचायत में बना है, लेकिन इसका लाभ पंचायत को नहीं मिल रहा है। इस कारण लावारिस पशुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। पंचायत ने प्रस्ताव डालकर गोसदन प्रबंधन से संबंधित कर्मी को बदलने की भी माग की है। लोगों की ओर से रखे किराएदार भी गंदगी फैला रहे हैं।
- राजकुमारी, प्रधान जोगीपुर पंचायत।