होटलों के आंकड़ों पर हो रही पर्यटकों की गिनती
राजेंद्र डोगरा, धर्मशाला कांगड़ा जिले में वर्ष में कितने पर्यटक आते हैं इसकी गिनती के
राजेंद्र डोगरा, धर्मशाला
कांगड़ा जिले में वर्ष में कितने पर्यटक आते हैं इसकी गिनती के लिए संबंधित विभाग होटलों पर आश्रित है। वजह यह है कि पर्यटन विभाग के पास अपना ऐसा कोई जरिया नहीं है, जिससे स्वयं पर्यटकों का आंकड़ा उपलब्ध हो पाए। केवल धर्मशाला व पठानकोट में ही पर्यटन सूचना केंद्र चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा पर्यटक कितनी संख्या में पहुंच रहे हैं इसका कोई आंकड़ा नहीं है।
पर्यटन विभाग इससे भी पूर्णतया अनजान है कि जिले में कितने अवैध होटल हैं। केवल यहां निरीक्षण के दौरान जिन होटलों में अनियमितता पाई जाती है उन्हें जुर्माना व औपचारिकताओं को पूर्ण करने की हिदायत देकर ही इतिश्री कर ली जाती है। होटल एसोसिएशन धर्मशाला के पदाधिकारियों के मुताबिक कई होटल जिले में अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं और इससे पंजीकृत होटलों को तो चूना लग ही रहा है साथ ही राजस्व को भी। होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें तो केवल मैक्लोडगंज में ही 300 से ज्यादा होटल हैं और इनमें केवल 180 ही ऐसे हैं, जो पंजीकृत हैं।
हालांकि त्रियुंड आने वाले पर्यटकों का वन विभाग जरूर आंकड़ा रखे हुए हैं और इसके बकायदा गलू में अस्थायी पंजीकरण केंद्र है। यहां पर अभी अस्थायी तौर पर ही पर्यटकों का पंजीकरण हो रहा है।
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'जिला कांगड़ा में कितने पंजीकृत होटल हैं यह जानकारी तो नहीं, लेकिन मैक्लोडगंज में 180 के करीब होटल पंजीकृत हैं। हालांकि यहां करीब 3 सौ से ज्यादा होटल हैं। '
-विशाल नैहरिया, संयुक्त सचिव होटल एसोसिएशन धर्मशाला।
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कितने पर्यटक आते हैं, इसकी गिनती के लिए विभाग के पास कोई ऐसा माध्यम नहीं है। हालांकि होटल संचालकों से समय-समय पर डाटा मंगवाया जाता है और उसी आधार पर यह पता चलता है कि कब कितने पर्यटक आए हैं।
-सुनयना शर्मा, उपनिदेशक पर्यटन विभाग