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फ्लैशबैक 2016 : कांगड़ा में 170 को लील गए हादसे

जिला कांगड़ा इस वर्ष भी हादसों से दहलता रहा। जिला में एक वर्ष में ही सड़क हादसों से 167 लोगों की जान चली गई, तो 808 लोग घायल हुए।

By Edited By: Published: Mon, 26 Dec 2016 10:49 PM (IST)Updated: Tue, 27 Dec 2016 03:08 PM (IST)
फ्लैशबैक 2016 : कांगड़ा में 170 को लील गए हादसे

धर्मशाला [जेएनएन] : जिला कांगड़ा इस वर्ष भी हादसों से दहलता रहा। जिला में एक वर्ष में ही सड़क हादसों से 170 लोगों की जान चली गई, तो 813 लोगों को ये हादसे ऐसे जख्म दे गए, जिनकी भरपाई कर पाना भी मुश्किल है। नूरपुर से लेकर बैजनाथ, देहरा से लेकर धर्मशाला तक जिला का ऐसा कोई स्थान नहीं रहा, जहां ट्रैफिक नियमों की हल्की सी लापरवाही ने कई लोगों को जख्म न दिए हों।

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नूरपुर क्षेत्र में सबसे अधिक 80 हादसे हुए। यहां एक साल में ही 36 लोगों की जान चली गई तो घायलो की सूची भी 180 का आंकड़ा छू गई। सबसे कम हादसे मैक्लोडगंज में हुए। यहां केवल दो हादसे ही दर्ज हुए। इसके साथ ही जिला में आवारा कुत्तों का आतंक भी वर्ष भर खूब रहा। कांगड़ा के एकमात्र डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में ही लावारिस कुलाो के काटने से 402 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इस वर्ष जिला भर में करीब 482 सड़क हादसे हुए, जिनमें से 352 सड़क हादसे नाबालिग वाहन चालकों ने किए है। सड़क हादसों का मुख्य कारण नाबालिग वाहन चालक व शराब पीकर गाड़ी चलाना है। ड्रंक एंड ड्राइव का मुख्य उदाहरण है कि जिला पुलिस ने मात्र नवंबर माह तक ही जिला भर मे शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले 2500 वाहन चालकों के चालान किए है। हालांकि जिला भर में कोई बड़ी आगजनी की घटना नहीं हुई।

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