खनियारा संघर्ष समिति ने महापौर के खिलाफ खोला मोर्चा
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : खनियारा संघर्ष समिति ने नगर निगम महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघर्ष
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : खनियारा संघर्ष समिति ने नगर निगम महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघर्ष समिति ने महापौर पर विकास में अनदेखी का आरोप लगाया है। समिति के अध्यक्ष विकास छेत्री सहित अन्य पदाधिकारियों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष बीत चुका है, लेकिन अभी तक खनियारा में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ। बस यहां दो चार बैंच रख दिए गए हैं। समिति का गठन खनियारा को जबरदस्ती नगर निगम में शामिल किए जाने के विरोध में हुआ था और अब भी मामला न्यायालय में चल रहा है। समिति पदाधिकारियों ने कहा कि नगर निगम का चुनाव हुए व चुने हुए पार्षद व महापौर को एक साल का समय हो गया है। एक साल का समय ही कार्य करने के लिए संघर्ष समिति ने पार्षद को दिया भी था कि उसके हरेक अच्छे कार्य का स्वागत करेंगे, लेकिन एक साल में गाव से नगर निगम में शामिल हुए गाव खनियारा में जो विकास हुआ है, वह हरेक गाववासी जानता है।
समिति अध्यक्ष ने कहा कि नगर निगम के चुनाव के दौरान स्थानीय विधायक एवं शहरी विकास मंत्री ने कहा था कि नए क्षेत्रों में दस साल तक कोई भी टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन प्रदेश विधानसभा ने दो साल ही टैक्स में छूट के लिए मंजूरी दी है। नगर निगम के चुनाव के दौरान मंत्री की ओर से लगाए गए बड़े-बड़े होर्डिग्स में लिखा गया कि गाव से शहरी क्षेत्रों में शामिल हुए ग्रामीणों को 365 दिन का रोजगार लक्ष्य योजना के तहत दिया जाएगा, लेकिन नगर निगम व सरकार के बड़े मंत्री के दावे खोखले साबित हुए हैं। अगर समिति का कथन गलत है तो इस पर नगर निगम व मंत्री श्वेत पत्र जारी करें। उन्होंने कहा कि जब खनियारा पंचायत थी तो उस समय एक वर्ष में ही विकास कार्यो के लिए 47 लाख रुपये के करीब राशि होती थी, जबकि वर्ष में नौ परिवारों को मकान के लिए पैसा मिलता था। अब तक कितनी धनराशि, किस किस मद के तहत खनियारा के विकास के लिए खर्च हुई है, महापौर स्पष्ट करें। वहीं वह यह भी स्पष्ट करें कि अब तक वार्ड में कितनी बैठकें वार्ड के बाशिंदों के साथ की हैं।