एमडीएम रिपोर्ट में पाई खामी तो होगी कार्रवाई
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : स्कूलों में बन रहे दोपहर के भोजन में यदि खामी पाई गई तो समझो गाज गिरना तय ह
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : स्कूलों में बन रहे दोपहर के भोजन में यदि खामी पाई गई तो समझो गाज गिरना तय है। इसको लेकर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। जिला के स्कूलों में मिड-डे मील (एमडीएम) योजना के तहत विद्यार्थियों को परोसा जाने वाला भोजन कितना पौष्टिक है इसका खुलासा शीघ्र किया जाएगा। इस दिशा में शिक्षा विभाग ने कवायद तेज कर दी है। एमडीएम जांच के लिए विभाग टीमें गठित करेगा। दबिश देने वाली टीम बकायदा जहां एमडीएम योजना का अंकेक्षण करेगी, वहीं यह भी जांचेगी कि एमडीएम के तहत मिलने वाला भोजन क्या पौष्टिकतापूर्ण है भी या नहीं। शिक्षा विभाग के उप निदेशक प्रारंभिक कार्यालय की ओर से स्कूलों में एमडीएम के ऑडिट को लेकर खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी हो गए हैं। साथ ही स्कूलों में दबिश देने वाली तीन सदस्यीय टीमों का गठन करने के साथ ही औचक निरीक्षण शुरू हो जाएगा। टीम में संबंधित पंचायत के प्रधान या वार्ड पंच, एसएमसी प्रधान व क्षेत्र के बुद्धिजीवियों की तीन सदस्यीय टीम शामिल होगी। टीम स्कूलों में औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित करेगी, जहां से उप निदेशक प्रारंभिक के कार्यालय को आएगी और यहां रिपोर्ट के मुताबिक जिस स्कूल में एमडीएम योजना के तहत कमी पाई जाएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई का मापदंड तय होगा। वहीं एमडीएम योजना के तहत विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है और इसके लिए छह महीने में भोजन बनाने वाले कर्मी का मेडिकल करवाना होगा।
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जिला के स्कूलों में अब मिड-डे मील योजना के तहत सोशल ऑडिट नियमित होगा और सोशल ऑडिट में योजना का बारीकी से अध्ययन टीम करेगी, ताकि रिपोर्ट में कोई कमी न रहे और जिस भी स्कूल की रिपोर्ट में कमी होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
-दीपक किनायत, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा कांगड़ा।