समर्पण भाव से करें सेवा
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को समाज के निर्धनतम व्यक्ति की सेवा के संकल
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को समाज के निर्धनतम व्यक्ति की सेवा के संकल्प को सर्वोपरि रखते हुए प्रत्येक नागरिक की सहायता के लिए समर्पण भाव से करना चाहिए। जनसेवक होने के नाते हमारा दायित्व है कि आम लोगों की जो अपेक्षाएं और आशाएं हमसे हैं, उन्हें हम पूरा करें। यह बात जिलाधीश सीपी वर्मा ने 11वें सिविल सेवाएं दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही। इस वर्ष के लिए सिविल सेवाएं दिवस का विषय सरकार में मानव पूंजी प्रबंधन द्वारा मूल्य निर्धारण था। इसके तहत मानव संसाधन से जुड़ी चुनौतियों को पहचानने, प्रोद्यौगिकी को बढ़ावा देकर प्रक्रियाओं में सुधार लाने और कार्य संस्कृति में रचनात्मकता एवं नए प्रयोगों को बढ़ावा देने पर विमर्श किया गया। वर्मा ने कहा कि नवीन तकनीकों ने सेवाएं प्रदान करने में आसानी लाकर लोकतात्रिक व्यवस्था को मजबूत किया है। उन्होंने कार्य संस्कृति में नई तकनीकों को अपनाने में पहल करने का आग्रह किया। उन्होने कहा कि प्रौद्योगिकी एक साधन है और यह आवश्यक है कि हम सभी जन भलाई के लिए इसका सकारात्मक सोच के साथ सदुपयोग करें। उन्होंने गरीब से गरीब व्यक्ति की आवाज को सुनने और महत्व देने तथा समस्या लेकर कार्यालय आने वाले आम नागरिकों की हरसंभव मदद करने की भावना को प्रधानता देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे प्राप्त आत्मसंतुष्टि अधिक संतोषप्रद होगी। अतिरिक्त उपायुक्त ऋचा वर्मा ने कार्यालयों में देशभर के अभिनव प्रयोगों और श्रेष्ठ प्रचलनों को तत्परता से अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर सहायक आयुक्त शशिपाल नेगी और प्रभात चौधरी ने सिविल सेवाएं दिवस के महत्व और मानव पूंजी के बेहतर प्रबंधन को लेकर अपने विचार रखे। सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी प्रभात शर्मा ने जनसेवकों से प्रतिदिन के कार्यो के साथ ही नई पहलों के लिए भी समय निकालने का आग्रह किया। जिला सूचना अधिकारी भूपेंद्र पाठक ने हिमाचल प्रदेश में ई-सेवाओ के क्षेत्र में हुई नई खोजों, लागू की गई नई परियोजनाओ और मोबाइल आधारित विभिन्न एप के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिला कोषाधिकारी आरबी गिरी और शिक्षाविद् केके शर्मा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में एडीएम बलवीर ठाकुर, एसडीएम श्रवण माटा व जिला राजस्व अधिकारी चंदन कपूर भी उपस्थित थे।