टीबी का अधूरा उपचार बढ़ा देता है मर्ज
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) दाड़ी में विश्व क्षय रोग दिवस पर कार्यक्
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) दाड़ी में विश्व क्षय रोग दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जन शिक्षा एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. केसी शर्मा ने आइटीआइ के प्रशिक्षुओं व कर्मियों को क्षय रोग (टीबी) की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीबी एक साध्य रोग है और डिटेक्ट होने पर इसका इलाज सरकारी अस्पतालों में छह से आठ माह तक निशुल्क किया जाता है। यदि कोई रोगी दवाई खाने के कोर्स को अधूरा छोड़ दे तो यह रोग गंभीर और जटिल स्थिति पैदा कर देता है। अत: रोगी को कभी भी दवाई बिना डॉक्टर की सलाह के बंद नहीं करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त रोगी व्यक्ति को अपने शरीर, कपड़ों व सफाई के साथ उचित आहार पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। रोगी खांसते व छींकते समय रूमाल का इस्तेमाल करें, ताकि खुले में खांसने व थूकने से बीमारी के कीटाणु हवा के जरिये दूसरे लोगों में न फैल सकें। उन्होंने टीबी ग्रसित मरीजों से एचआइवी व मधुमेह जांच करवाने का भी आह्वान किया। उन्होंने युवा वर्ग से भी धूमपान, बीडी, सिगरेट, गुटखा व शराब आदि नशीली वस्तुओं से दूर रहने का आह्वान किया। इस मौके पर आइटीआइ स्टाफ भी मौजूद रहा।