यह कैसी स्मार्ट सिटी है भाई
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : शायद नगर निगम धर्मशाला संपूर्ण स्वच्छता के मायने नहीं जानता है। शहर में
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : शायद नगर निगम धर्मशाला संपूर्ण स्वच्छता के मायने नहीं जानता है। शहर में नालों व जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। नगर परिषद धर्मशाला के 11 वार्डो का विस्तार कर ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से जोड़कर नगर निगम बना लिया गया और स्मार्ट सिटी का तमगा भी जुड़ गया लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही है।
जो घोषणाएं हो रही हैं वास्तव में वह पूरी नहीं हो रही हैं। यही वजह है कि स्मार्ट सिटी के नाले कचरे का दंश झेल रहे हैं। जिस जगह कूड़ा ठिकाने लगाया जा रहा है वहां भी चारों ओर गंदगी के कारण बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है। हिमाचल पथ परिवहन निगम की कर्मशाला के पास घरोह-चड़ी रोड पर बनी कूड़ा डंपिंग साइट में चारों ओर कचरा बिखरा है। यहां पर लावारिस पशु व पक्षी इस गंदगी को आगे-पीछे बिखेर रहे हैं। पहले यहां पर नगर परिषद के वक्त 11 वार्डो का ही कचरा आता था लेकिन अब अन्य वार्डो की गंदगी भी यही उड़ेली जा रही है। इस कारण यहां बदबू फैल गई है और इस मार्ग से गुजरने वालों को परेशानी होती है लेकिन इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। ये हालात केवल डंपिंग साइट के ही नहीं, बल्कि शहर के नाले भी गंदगी का बोझ उठा रहे हैं। नालों को साफ करने की ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कहने को तो स्मार्ट सिटी का राग अलापा जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत में सुविधा से जनता वंचित है। जिन जगह कूड़ेदान रखे हैं वहां पर गंदगी इनके बाहर पड़ी है। इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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'नगर निगम में भूमिगत कूड़ेदान परियोजना का काम शुरू हो गया है। परियोजना के पूरा होने पर कूड़े से संबंधित कोई समस्या नहीं रहेगी।
जेएम पठानिया, आयुक्त
नगर निगम धर्मशाला