धर्मशाला कॉलेज की पीटीए को मिली सफलता
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : प्रदेश भर में कॉलेज में रूसा के तहत पड़ने वाले विद्यार्थियों को अब विश्वविद
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : प्रदेश भर में कॉलेज में रूसा के तहत पड़ने वाले विद्यार्थियों को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मापदंडों के तहत ही डिग्रियां दी जाएंगी और डिग्रियां भी देश के अन्य विश्वविद्यालयों में मान्य होंगी। साथ ही प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य खराब नहीं होगा। विद्यार्थियों के भविष्य के लिए लड़ रही राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धर्मशाला के पीटीए का संघर्ष रंग लाया है। प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने 30 मई को रूसा के अंतर्गत पास आउट हो रहे विद्यार्थियों को मिलने वाली डिग्री की वैधता के लिए अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया है। 2013 में लागू रूसा के अंतर्गत इस बार पास आउट हो रहे पहले बैच के तीस हजार विद्यार्थियों को मिलने वाली डिग्री अन्य किसी भी विवि में मान्य नहीं थी। हाल ही में प्रदेश के कुछ लोगों ने डीयू व जेएनयू में पढ़ाई करने के लिए आवेदन किया था, इस विश्वविद्यालयों ने विद्यार्थियों के आवेदन रद कर दिए थे। विश्वविद्यालय ने तीन साल में भी अध्यादेश द्वारा वैधानिक रूप नहीं दिया था। धर्मशाला महाविद्यालय पीटीए और इसके अध्यक्ष सत्येंद्र गौतम ने इस मामले को राज्यपाल, मुख्यमंत्री व विवि प्रशासन से समक्ष रखा था। इस संबंध में में पीटीए अध्यक्ष ने धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा से व्यापक चर्चा और मुलाकात भी की थी और मुख्यमंत्री के माध्यम से इस मुद्दे को हल करवाने का आग्रह किया था। इस पर सुधीर शर्मा ने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए शीघ्र हल करवाने का विश्वास दिलाया था। 28 मई को विवि की कार्यकारी परिषद ने इस संबंध में उपरोक्त निर्णय लिया। सत्येंद्र गौतम ने स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश के लिए 16 मई की तिथि को आगे करने और समय पर परिणाम घोषित करने के लिए भी विवि प्रशासन को चेताया। क्योंकि इन दो कदमों को उठाए बिना छात्रों का साल खराब होने का खतरा बरकरार रहेगा। पीटीए उपाध्यक्ष डीडी पठानिया, संजय वर्मा कार्यकारणी सदस्य रमेश चंद भगवान दास सहित अन्य सदस्यों विवि के इस फैसले का स्वागत किया है।