फॉरेंसिक लैब की पहली महिला उपनिदेशक बनी डॉ. मीनाक्षी
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला में बुधवार को
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला में बुधवार को उपनिदेशक पद का कार्यभार डॉ. मीनाक्षी महाजन ने संभाल लिया। इससे पहले यहां उपनिदेशक पद पर डॉ. अरुण शर्मा तैनात थे, जो पदोन्नति के बाद निदेशक बन गए हैं।
डॉ. मीनाक्षी फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की पहली महिला उपनिदेशक हैं। वह दस्तावेज एवं फोटोग्राफी की विशेषज्ञ हैं और तीन साल से यहां बतौर सहायक निदेशक अपनी सेवाएं दे रही थीं। डॉ. मीनाक्षी को दस्तावेज एवं फोटोग्राफी का 14 वर्षो का अनुभव है और उन्होंने कई अहम अपराधिक मामलों को सुलझाने एवं निपटाने में अपना अहम योगदान दिया है। उन्होंने पीएचडी की उपाधि रसायन विज्ञान में वर्ष 1997 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, से प्राप्त की व कुछ समय पोस्ट डॉर्क्टल प्रशिक्षण व फैलोशिप भी हासिल की। उन्होंने साइबर फॉरेंसिक में अपराधिक मामलों की जाच का काम भी शुरू किया और यहां पहली महिला विशेषज्ञ बनीं व साइबर फॉरेंसिक से जुडे अपराधिक मामलों की जाच का बीड़ा उठाया। धर्मशाला के बड़ोह की रहने वाली डॉ. मीनाक्षी महाजन की प्रारंभिक शिक्षा धर्मशाला से हासिल की और स्नातक की डिग्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से हासिल की।
क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला के प्रवक्ता डॉ. एसके पाल ने बताया कि डॉ. मीनाक्षी महाजन को वर्ष 1995 में इंडियन केमिकल सोसायटी ने युवा वैज्ञानिक के पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फॉरेंसिक साइंस के सम्मेलनों में भाग लिया व अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए, जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हुए।