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मंदिरों की सुरक्षा में कई खामियां!

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : जिला कांगड़ा के कई प्रसिद्ध मंदिरों में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को ओर मजब

By Edited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 01:00 AM (IST)
मंदिरों की सुरक्षा में कई खामियां!

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : जिला कांगड़ा के कई प्रसिद्ध मंदिरों में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को ओर मजबूत करने की जरूरत है। मंदिरों की सुरक्षा की समीक्षा कर रही पुलिस, सीआइडी और आइबी की संयुक्त टीम को मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था फिलहाल ठीक नहीं लगी है। इस टीम ने अभी तक ज्वालाजी और चामुंडा देवी मंदिर का दौरा किया है। इन मंदिरों में प्राचीन मूर्तियों सहित कई ऐतिहासिक महत्व के चिह्न मौजूद है, लेकिन मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था उतनी चाक चौंबद नहीं है जितनी होनी चाहिए।

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सूत्रों के अनुसार समीक्षा टीम ने इन मंदिरों में कई ऐसी खामियां निकाली हैं जो न केवल चोरी की घटनाओं की दृष्टि से बल्कि अन्य सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद गंभीर है। इसमें सीसीटीवी कैमरों से लेकर मैटल डिटेक्टर व सुरक्षा कर्मियों की कमी सामने आई है। टीम ने पाया कि मंदिरों में सुरक्षा के लिए तैनात कर्मी भी कई बार निर्धारित ड्यूटी पर नहीं होते हैं। सुरक्षा अधिकतर मेलों के दौरान ही पुख्ता होती है। इसके अलावा मंदिरों में मौजूद ऐतिहासिक धरोहरों की भी सुरक्षा के लिए मंदिर प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध नहीं किए हैं। ज्वालामुखी मंदिर में कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं। इनमें अकबर के समय का चढ़ाया गया छत्तर भी शामिल है। यह टीम अब अन्य मंदिरों का भी दौरा करेगी। इस टीम को कुल्लू के रघुनाथ मंदिर में हुई चोरी की घटना और लगातार आ रही चेतावनियों को ध्यान में रखकर गठित किया है। टीम ने मंदिरों में सुरक्षा उपायों पर भी चर्चा शुरू कर दी है। इसके लिए बाकायदा रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। हालांकि इस बारे अभी कोई भी अधिकारी जानकारी देने को तैयार नहीं है, लेकिन इतना बताया जा रहा है कि मंदिरों की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को बदलने की जरूरत है।

हो रही सुरक्षा की समीक्षा : बद्री सिंह

डीएसपी सीआइडी बद्री सिंह का कहना है कि मंदिरों की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है। इस बारे में गठित टीम मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था जांच रही है। वहीं, जिला पुलिस प्रवक्ता डॉ. शिव कुमार का कहना है कि इसमें पुलिस टीम भी है, जो मंदिरों की सुरक्षा समीक्षा कर रही है। मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।


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