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भंगाल व चौहार घाटी को दिलवाया जाएगा जनजातीय दर्जा

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : कागड़ा जिला के बड़ा व छोटा भंगाल, मंडी की चौहार घाटी तथा सिरमौर जिला की उत

By Edited By: Published: Sat, 29 Nov 2014 04:41 AM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 07:18 PM (IST)
भंगाल व चौहार घाटी को दिलवाया जाएगा जनजातीय दर्जा

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : कागड़ा जिला के बड़ा व छोटा भंगाल, मंडी की चौहार घाटी तथा सिरमौर जिला की उत्तराखंड के साथ लगती कुछ पंचायतों को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलवाने का प्रयास होगा। जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, इनका लाभ इस वर्ग को सुनिश्चित करवाना संबंधित विभागों का दायित्व है। राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के उपाध्यक्ष एवं विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि इस वर्ग की योजनाओं के कार्यान्वयन के संबंध में सितंबर में बैठक हुई थी, इस संदर्भ में शुक्रवार को जिला प्रशासन को पूर्व में लिए गए निर्णयों की समीक्षा के संदर्भ में बैठक करने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन की बैठक में इस वर्ग से संबंधित बच्चों को 100 फीसद शिक्षा सुनिश्चित करवाने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई तथा प्रत्येक विद्यार्थी को छात्रवृति प्रदान करने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया गया। रवि ठाकुर ने कहा कि जनजातीय आयोग इस वर्ग के लोगों की समस्याओं के समाधान एवं अन्य मामलों के निपटारे के लिए अदालत लगाकर सुविधा प्रदान कर रहा है। प्रदेश सरकार को

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कागड़ा जिला के बड़ा भंगाल व छोटा भंगाल क्षेत्र, मंडी के चौहार तथा सिरमौर जिला की उत्तराखंड के साथ लगती कुछ पंचायतों को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के लिए जनजातीय आयोग को केंद्र सरकार के समक्ष मामला प्रस्तुत करने के लिए सुझाव देगा। प्रदेश में इस वर्ग से संबंधित लोगों की कुल जनसंख्या 4.5 लाख है, जिसमें जिला कागड़ा व चंबा में सबसे अधिक इस वर्ग के लोग रह रहे हैं। आयोग ने यह भी निर्णय लिया है कि अब आयोग को सुझाव देने के लिए गठित की गई पंचायत स्तरीय समितियों को राजस्व गाव के आधार पर गठित किया जाए ताकि लोगों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं में राजस्व संबंधी कोई देरी न हो। इस स्तर पर गठित समितियों से लोगों को एनओसी व वन विभाग से संबंधित मामलों के निपटारे में सुविधा होगी। आयोग के सुझाव पर यह निर्णय लिया गया है कि पिछली तीन पुश्तों से वनों में जीवनयापन कर रहे जनजातीय लोगों को जमीनों को आवंटन किया जाए, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके।


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