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धरतेरस पर धन को तरसे दुकानदार

मुनीष दीक्षित, धर्मशाला धनतेरस पर इस बार जिला कांगड़ा के बाजार पर महंगाई व खरीदारी के मुहूर्त की मा

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 04:16 AM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 01:07 AM (IST)
धरतेरस पर धन को तरसे दुकानदार

मुनीष दीक्षित, धर्मशाला

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धनतेरस पर इस बार जिला कांगड़ा के बाजार पर महंगाई व खरीदारी के मुहूर्त की मार पड़ गई है। धनतेरस पर 25 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले जिला कांगड़ा के विभिन्न बाजारों में एक अनुमान के अनुसार केवल पांच से सात करोड़ रुपये का ही कारोबार हो सका है, जबकि आयकर सलाहकारों की मानें तो इस बार जिला कांगड़ा के बाजार की तेजी पहले के मुकाबले काफी कम रही है। वाहनों की बिक्री भी सैकड़े से आगे नहीं बढ़ पाई।

बैंकों में भी बिकने वाले सोने के सिक्कों का कारोबार भी महज 20 फीसद ही हो सका है। जिला कांगड़ा की सबसे बड़ी थोक के बाजार जसूर में भी इस बार रंगत काफी फिकी रही। जसूर के व्यापारी ऋषि महाजन की मानें तो बाजार में इस बार वो रौनक नहीं थी, जो हर बार धनतेरस पर होती थी। इसका कारण महंगाई का सबसे अधिक होना है।

जिला कांगड़ा के कांगड़ा बाजार में धनतेरस पर कुछ रौनक देखी गई, लेकिन दुकानदारों की मानें तो यह रौनक पहले के मुकाबले कुछ कम थी। फिर भी कुछ उत्पादों की दुकानों में दस फीसद तक की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। नगरोटा-बगवां में भी बाजार की गति धीमी रही। व्यापार मंडल के सचिव पूजन भंडारी के अनुसार महंगाई के अलावा इस बार खरीदारी का मुहूर्त शाम के समय महज दो घंटे तक होने से भी लोग खरीदारी के लिए उत्सुक नहीं दिखे। क्योंकि जिस समय का मुहूर्त था, उस समय यहां के बाजार बंद हो चुके होते हैं। पालमपुर व बैजनाथ बाजारों में भी रौनक कम ही रही।

वहीं, जिला मुख्यालय धर्मशाला के कोतवाली बाजार व गुरुद्वारा रोड मार्केट में भी कम भीड़ देखी गई। यहां के व्यापारी अतुल चड्ढा का कहना है कि इस बार कम भीड़ रही। बैजनाथ के व्यापारी जितेंद्र कौशल, शोबी राठौर, पपरोला के व्यापारी विशाल सूद के अनुसार इस बार कारोबार में कुछ मंदी रही है। अब उम्मीद दीपावली से है।

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कारों की बिक्री भी रही कम

'इस बार जिला कांगड़ा दस करोड़ रुपये तक का कारोबार का अनुमान है, जबकि पहले दस करोड़ के बैंकों से सोने के सिक्के ही बिक जाते थे। इस बार बैंकों से भी करीब 20 प्रतिशत ही सिक्के बिक पाए, तो कारों की बिक्री भी कम ही रही।'

-रविंद्र सूद, वरिष्ठ आयकर सलाहकार, पालमपुर।

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कारोबार मंदा होने का कारण

-एक ही महीने में दशहरा, दीपावली व कई मेलों का आयोजन होना।

-लोगों को अब सभी प्रकार के उत्पादों का आसानी से पूरा साल मिल जाना।

-लोगों की ईएमआई व अन्य खर्चो का बढ़ना।

-महंगाई में भी बढ़ोतरी।

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कम बिका चीन का सामान

जिला कांगड़ा में कुछ वर्षो से दीपावली पर चाइनीज उत्पादों का दबदबा इस बार कम हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इंडिया के आह्वान तथा मीडिया की ओर से इस मसले को उठाने के बाद लोग परंपरागत उत्पाद व मिट्टी से बने दीपक खरीद रहे हैं।


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