किसान का बेटा बना एसडीएम
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता कदम चूमती है। यह साबित कर दिखाया कथौली निवासी एवं तहसीलदार विजय कुमार धीमान ने। इस किसान के बेटे ने दूसरी बार एचएएस परीक्षा उत्ताीर्ण कर एसडीएम का पद प्राप्त किया है।
14 दिसंबर, 1974 को किसान प्रताप चंद व गृहिणी सत्या देवी के घर जन्मे विजय ने प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से ही अर्जित की। उन्होंने जमा दो कक्षा की शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नगरोटा सूरियां में हासिल की। उसके बाद धर्मशाला कॉलेज से बीएससी नॉन मेडिकल में स्नातक। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से उन्होंने एमएससी फिजिक्स व उसके बाद फिजिक्स में ही एम फिल भी प्राईवेट की है। 2008 में एचएएस की परीक्षा उत्ताीर्ण की और उनका बतौर तहसीलदार चयन हुआ। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने अपनी पहली ज्वाइनिंग भरमौर में दी। यहां से तहसीलदार रिकवरी कांगड़ा स्थित धर्मशाला में वर्तमान में सेवाएं दे रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने फिर एचएएस की तैयारी की। हालांकि वह दो बार पहले भी एचएएस की परीक्षा दे चुके हैं, लेकिन सफलता कब तक दूर रहती। 2014 की एचएएस की परीक्षा में सफलता मिली और उनका बतौर एसडीएम चयन हुआ। विजय की पत्नी पूनम धीमान व एक छह वर्षीय बेटा अस्तित्व विजय भी है। उनका युवा वर्ग संदेश है कि वह लक्ष्य निर्धारित करने के बाद उसे प्राप्त करने के लिए मेहनत के साथ प्रयासरत रहें।