दो शिक्षकों ने दिखाई जीवन की राह
मुनीष दीक्षित, धर्मशाला
बेहतर भविष्य की नींव बचपन में ही पड़ जाती है। केवल ऐसा शिक्षक चाहिए जो केवल पढ़ाने तक ही सीमित न हो, बल्कि बेहतर भविष्य व जीवन का मकसद को भी बताता हो।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा डॉ. शिव कुमार शर्मा को भी जिदंगी की राह दो शिक्षकों ने दिखाई और ग्रामीण परिवेश में पढ़े शिव कुमार शर्मा ने न केवल बॉटनी में पीएचडी की, बल्कि एचएएस परीक्षा उर्तीण कर एचपीएस के माध्यम से पुलिस अधिकारी बने।
'दैनिक जागरण' से विशेष बातचीत में जिला बिलासपुर के दंधोल गांव के निवासी डॉ. शिव कुमार शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा घुमारवीं में हुई। जमा एक कक्षा में उन्होंने विज्ञान विषय का चयन किया। सोच था वैज्ञानिक बन कर देश के लिए कुछ काम करूंगा, लेकिन उद्देश्य स्पष्ट नहीं था। इसी दौरान बीएससी द्वितीय वर्ष में कॉलेज में पीटीए के माध्यम से एक शिक्षक डॉ. अमित चावला पढ़ाने के लिए आए। उन्होंने न केवल पढ़ाई का उद्देश्य समझाया, बल्कि जीवन में जीना क्यों चाहिए यह भी स्पष्ट किया। उनकी प्रेरणा से ही आगे बढ़ा और एचपीयू शिमला के माध्यम से उन्होंने डॉ. आनंद सागर के सानिध्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उनकी पढ़ाई स्नातक स्तर की ही रह जाती, लेकिन इन दोनों शिक्षकों ने जो राह उन्हें दिखाई उसके सहारे स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधि बेहतरीन अंकों के साथ उतीर्ण की। साथ ही एक वैज्ञानिक की राह को एक पुलिस अधिकारी की राह में तब्दील किया। डॉ. शिव शर्मा का कहना है कि वह इन दो शिक्षकों को इसलिए कभी नहीं भूल सकते।