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खुले में शौच करने को मजबूर कुंडी के विद्यार्थी

संवाद सहयोगी, राख : भले ही जिला प्रशासन जिला की समस्त पंचायतों के शौच मुक्त होने पर अपनी पीठ थपथप

By Edited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 02:04 AM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 02:04 AM (IST)
खुले में शौच करने को मजबूर कुंडी के विद्यार्थी

संवाद सहयोगी, राख : भले ही जिला प्रशासन जिला की समस्त पंचायतों के शौच मुक्त होने पर अपनी पीठ थपथपा रहा है। लेकिन ग्राम पंचायत सुनारा के गांव कुंडी में लक्ष्मीनारायण मंदिर के बाहर पसरी गंदगी जिला प्रशासन के दावे को सिरे से खारिज करती है। कुंडी में चंबा के विधायक बीके चौहान का पैतृक निवास है। यहां लक्ष्मीनारायण मंदिर भी है। इसी गांव में प्राथमिक तथा माध्यमिक विद्यालय भी है। प्राथमिक स्कूल में तीन शौचालय बने हैं, जो महज अध्यापकों तक ही सीमित है। माध्यमिक स्कूल मंदिर की सराय में चल रहा है। दोनों स्कूलों में 100-100 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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सराय में चल रहे माध्यमिक स्कूल में शौचालय नहीं है। ऐसे में बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर हैं। यह स्कूल मंदिर परिसर के नजदीक है। मिड डे-मील खाने के बाद बच्चे मंदिर के साथ ही लगे नल पर बर्तन साफ करते हैं, इससे बचा हुआ खाना वहीं आसपास बिखरा रहता है। इससे श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

एक तरफ तो शिक्षा विभाग का कहना है कि सभी विद्यालयों को शौच मुक्त रखने के लिए शौचालय निर्माण करवाया जा चुका है। वहीं, इतने अधिक बच्चे होने पर भी अभी तक इस तरफ शिक्षा विभाग ने नजर-ए-इनायत नहीं की है। एसएमसी की बैठक में यह मुद्दा काफी जोरशोर से उठा है। लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकल पाया।

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विद्यालय में तीन शौचालय हैं, बच्चों को शौचालय इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है। मंदिर परिसर में फैलने वाली गंदगी माध्यमिक स्कूल के कारण है।

-मान ¨सह, जेबीटी शिक्षक, प्राथमिक स्कूल कुंडी।

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मंदिर परिसर की सराय में ही स्कूल चल रहा है। मंदिर का अपना कोई शौचालय नहीं है। लिहाजा बच्चे खुले में शौच कर रहे हैं। प्राथमिक स्कूल के शौचालय को इस्तेमाल करने की बात के विषय में अभी सोचा नहीं है।

-कैलाश चंद, कार्यवाहक प्रभारी, माध्यमिक स्कूल कुंडी।

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मंदिर परिसर के आसपास काफी गंदगी है। इस कारण 24 घंटे बदबू चली रहती है। कई बार झाड़ू उठाकर स्वयं सफाई की। एसएमसी की बैठक में कई बार यह मांग उठी, लेकिन विद्यालय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। तीन शौचालय अध्यापकों तक ही सीमित हैं।

-रतन चंद, पुजारी, लक्ष्मीनारायण मंदिर।

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मामला ध्यान में नहीं था। यदि ऐसा है तो उक्त शौचालयों को दोनों स्कूलों के बच्चों के लिए जल्द खुलवा दिया जाएगा, ताकि उन्हें खुले में शौच करने को मजबूर न होना पड़े।

-बलजीत, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, चंबा।


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