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युवा न भूलें संस्कृति : सुनील राणा

रणवीर ¨सह, चंबा आज की युवा पीढ़ी संस्कृति को भूल रही है व दूसरी भाषा व संस्कृति के संगीत की तरफ

By Edited By: Published: Sun, 31 Jul 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 31 Jul 2016 01:00 AM (IST)
युवा न भूलें संस्कृति : सुनील राणा

रणवीर ¨सह, चंबा

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आज की युवा पीढ़ी संस्कृति को भूल रही है व दूसरी भाषा व संस्कृति के संगीत की तरफ बढ़ रही है। अधिकर युवाओं को अपने लोकगीत व संस्कृति की जानकारी ही नहीं है। चंबा के ¨मजर मेले में पहाड़ी कलाकार सुनील राणा ने कार्यक्रम से पहले यह बात कही। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी लगातार लोकगीतों से दूरी बना रही है। उनका मुख्य लक्ष्य युवाओं की पहाड़ी संगीत में रुचि पैदा करना है। पहाड़ी विशेषकर हिमाचली लोकगीतों ने भारत ही नहीं दुनिया में पहचान बनाई है।

हाल ही में गाया गया गीत चिट्टा ता तेरा चोला काला डोरा ओ शंभुआ ने बहुत पहचान दिलाई है। इस गाने को ¨सगापुर के चैनल मीडिया कोर की ओर से करवाए गए कार्यक्रम में बेहद पंसद किया गया।

इस चैनल के माध्यम से पूरी दुनिया में हिमाचल प्रदेश की संस्कृति की झलक दिखी है। वर्ष 2013 में यह कार्यक्रम करवाया गया था।

पहाड़ी संगीत की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहे सुनील राणा ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उनके गानों को इतना पंसद किया जाएगा। कॉलेज में पहली बार किसी मंच पर गाने का मौका मिला था। हालांकि शुरुआती दौर में कोई सफलता नहीं मिली, अवार्ड नहीं मिला। लेकिन दोस्तों ने संगीत की धुन व गानों को काफी पसंद किया।

इसके बाद तुलसो रेहंदी किना ओ, चिट्टा तेरा चोला काला डोरा गानों ने काफी पहचान दिलाई। इसके बाद प्रदेश में ही नहीं, बल्कि भारत व अन्य देशों में भी उनके गानों को पसंद किया गया। अनुभव जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि संगीत परमात्मा से जोड़ता है। जब भी वह गाते हैं तो संगीत में लीन हो जाते हैं।


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