संगीत के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी : देवोजीत
संवाद सहयोगी, चंबा : मन में कुछ करने की इच्छा व लक्ष्य निर्धारित हो तो सब कुछ हासिल किया जा सकता
संवाद सहयोगी, चंबा : मन में कुछ करने की इच्छा व लक्ष्य निर्धारित हो तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है। इसके लिए केवल मेहनत की जरूरत है। चंबा में ¨मजर मेले की चौथी सांस्कृतिक संध्या के स्टार गायक देवोजीत शाहा ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत बताया कि उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक था। जब भी किसी स्टार कलाकार को मंच पर देखते थे तो उस जैसा बनने का मन होता था। माता-पिता ने भी इस मुकाम तक पहुंचाने में काफी मदद की। पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद असम के अफरोल में लोक निर्माण विभाग में सिविल इंजीनियर की नौकरी मिल गई। नौकरी के साथ-साथ संगीत को साथ ले जाना मुश्किल था। इस कारण नौकरी को छोड़कर मुंबई जाना पड़ा।
देवोजीत शाहा ने बताया कि अपने स्तर पर लिए गए इस फैसले से परिवार के अलावा दोस्तों ने भी नाराजगी जताई, लेकिन मन में तो केवल संगीत ही था तथा संगीत की दुनिया में कुछ बनने की इच्छा थी। इसके बाद धीरे-धीरे सब कुछ सही होता गया। वर्ष 2005-06 में सारेगामापा ने पूरी दुनिया में पहचान बनाई, जिसके लिए काफी मेहनत भी की। इसके बाद लगातार लोगों का प्यार मिलता गया। जी टीवी के 'शो जो जीता वही सिकंदर' में भी पहला स्थान हासिल किया। हिमाचल प्रदेश में भी कई शो किए, जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया। हिमाचल की भाषा व संगीत भी बहुत मीठा है। जब कभी भी मौका मिलता है तो हिमाचली गाने सुनता हूं।