..काश क्रैश बैरियर या पैरापिट होता
मिथुन ठाकुर, चंबा पातका बस हादसा शायद न होता, अगर क्रैश बैरियर या पैरापिट होता। जी हां, मंगलवार सु
मिथुन ठाकुर, चंबा
पातका बस हादसा शायद न होता, अगर क्रैश बैरियर या पैरापिट होता। जी हां, मंगलवार सुबह पातका में बस हादसा होने के बाद स्थानीय लोगों की जुबान पर यही शब्द थे। दरअसल, जिस स्थान पर बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरी, उस स्थान पर भी क्रैश बैरियर नहीं लगाए गए थे। यदि उक्त स्थान पर क्रैश बैरियर लगे होते तो शायद यह हादसा होने से टल सकता था तथा इसमें न तो व्यक्ति की जान जाती और न ही कई परिवारों के सदस्य गंभीर घायल होते।
अब इसे विभाग की लापरवाही कहें या सरकार की अनदेखी। लेकिन लोगों के जख्मों की भरपाई कैसे होगी? हालांकि हादसा होने के बाद सरकार और संबंधित विभाग की ओर से क्रैश बैरियर लगाने की बात तो कही जाती है। लेकिन, उसके बाद किस स्तर के प्रयास किए जाते हैं, इससे सभी वाकिफ हैं।
चंबा जिला की अधिकतर सड़कें सर्पीली, तंग व खस्ताहाल हैं। इन सड़कों पर जरा सी चूक भी कई ¨जदगियों को निगल जाती है तथा कई परिवारों को कभी न भूलने वाले जख्म दे जाती है। एक तो तंग सड़कें व दूसरी ओर गहरी खाई, मतलब यहां पर चूक सुधार के लिए कोई भी मौका नहीं मिल पाता। लोग भी समय-समय पर सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने की मांग उठाते हैं। लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर पर्याप्त क्रैश बैरियर न लगाए जाना, विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। यदि इन हादसों के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने सीख न ली तो आने वाले समय में ऐसे ही कई और सड़क हादसे हो सकते हैं, जिनमें कई मासूमों को अकाल मृत्यु का शिकार होना पड़ सकता है।
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सड़कों पर लोक निर्माण विभाग की ओर से क्रैश बैरियर लगाने का कार्य चल रहा है। सभी मुख्य स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं।
-उत्तम ¨सह गुलेरिया, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग सिहुंता।