गरीब किसानों पर गाज गिरा रही सरकार : गुमान ¨सह
संवाद सूत्र, सिहुंता : हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान ¨सह व अध्यक्ष कुलभूषण उपमन्यु की अगुवाई मे
संवाद सूत्र, सिहुंता : हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान ¨सह व अध्यक्ष कुलभूषण उपमन्यु की अगुवाई में नायब तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल ज्ञापन प्रेषित किया गया। यह ज्ञापन सिहुंता में वनाधिकार कानून को लागू करने तथा प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई बेदखली मुहिम के विरोध में सौंपा गया। हिमालय अभियान के संयोजक गुमान सिंह ने पंचायतों में गठित वनाधिकार समितियों के साथ उपमंडल स्तर पर बैठक कर सरकार पर आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि सरकार छह अप्रैल 2015 के उच्च न्यायालय के आदेशों की आड़ लेकर गरीब किसीनों पर गाज गिरा रही है जबकि बड़े किसानों तथा प्रभावशाली लोगों को कार्रवाई नहीं की जा रही है। पिछले दिनों वन विभाग ने ऊपरी शिमला के रोहडू व अन्य स्थानों जैसे मंडी के गोहर में वन भूमि पर लगे सेब के पेड़ों जिन पर कि सेब की फसल भी तैयार थी, उन्हें काटा गया है। जिला कांगड़ा तथा प्रदेश के अन्य हिस्सों में घरों से बिजली तथा पानी के कनेक्शन काटे गए तथा कई घरों को गिराया गया है। यह केस वर्ष 2008 से उच्च न्यायालय में चल रहा था, जिस पर इससे पहले भी कोर्ट ने कई आदेश जारी किए थे। प्रदेश सरकार ने आज दिन तक इस पर वन अधिकार कानून की वाह्यता का पक्ष कोर्ट में नहीं रखा था। पिछली सरकार ने भी इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। उन्होंने मांग की है कि उच्च न्यायालय के इस आदेश के स्थगन के लिए सरकार उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करे। वन अधिकार कानून को पूरे प्रदेश में लागू करने व लंबित पड़े वन अधिकार के दावों का निपटारा किया जाए तथा भारत सरकार के 10 जून, 2015 के आदेशों का पालन किया जाए। 13 दिसंबर, 2005 से पहले के सभी कब्जे जो खेती तथा रिहायशी घर प्रदेश के किसानों को सौंपे जाएं। जिन किसानों के विरुद्ध वन व राजस्व विभाग द्वारा नाजायज कब्जे की एफआइआर दर्ज की गई है वह गैर कानूनी है, उन्हें वापस लिया जाए।