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मिड-डे मील वर्कर्स ने मांगा 4500 मानदेय

मांग -प्रत्येक स्कूल में दो मिड डे मील वर्कर्स रखे जाएं उपमंडलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री क

By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 09:52 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 09:52 PM (IST)
मिड-डे मील वर्कर्स ने मांगा 4500 मानदेय

मांग

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-प्रत्येक स्कूल में दो मिड डे मील वर्कर्स रखे जाएं

उपमंडलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में लगाई गुहार

संवाद सहयोगी, सलूणी : मिड डे मील वर्कर्स यूनियन (सीटू) सलूणी ने शनिवार को राज्य उपाध्यक्ष ओम प्रकाश के नेतृत्व में एसडीएम सलूणी किशोरी लाल शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन के माध्यम से यूनियन सदस्यों ने बताया कि उनसे हर दिन पांच से छह घंटे तक काम लिया जाता है। बदले में उन्हें चार से पांच माह बाद ही मानदेय दिया जाता है। महंगाई के दौर में प्रतिमाह मिलने वाले 1000 रुपये से परिवार का गुजारा करना मुश्किल है। प्रतिवर्ष स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने पर सैकड़ों मिड डे मील वर्कर्स की छंटनी की जा रही है। उन्होंने गुहार लगाई कि मिड डे मील वर्कर्स को 4500 रुपये मानदेय दिया जाए। इसके साथ ही इनकी छंटनी भी न की जाए। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सरकारी स्कूलों में मिड डे मील वर्कर्स की नौकरी से संबंधित 25 बच्चों की संख्या की शर्त को हटाया जाए। प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो मिड डे मील वर्कर्स रखे जाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा वर्कर्स को नियुक्ति दी जाए। प्रतिमाह पहली तारीख को मानदेय का भुगतान किया जाए। आकस्मिक अवकाश, आजत अवकाश व मेडिकल अवकाश दिया जाए। बीमा योजना लागू की जाए तथा मिड डेमील के लिए आने वाले बजट को शिक्षा विभाग द्वारा अन्य कार्यों पर खर्च न किया जाए। इस बजट को जिन कार्यों पर खर्च किया गया है उसे वापस लिया जाए। मिड डे मील महिला वर्कर्स को चार माह का प्रसूति अवकाश व पुरुषों को जच्चा-बच्चा की देखभाल के लिए 20 दिन का अवकाश दिया जाए। दस माह के स्थान पर पूरे 12 माह तक मानदेय तथा स्थाई कर्मचारी मान कर उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। इस अवसर पर उपप्रधान मोहम्मद शरीफ के साथ सदस्य चमारू राम, जगदीश, सुमित्रा, सुनिती, धन्नो, जानकी, पानो, प्रेम ¨सह तथा म¨हद्र आदि उपस्थित रहे।


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