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चंबा अस्पताल के सर्जन लंबी छुट्टी पर गए

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 01:42 AM (IST)Updated: Thu, 18 Sep 2014 01:42 AM (IST)
चंबा अस्पताल के सर्जन लंबी छुट्टी पर गए

जागरण संवाददाता, चंबा : क्षेत्रीय अस्पताल चंबा में तैनात सर्जन डॉ. विक्रम लखनपाल लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। काफी समय से अस्पताल में व्यवस्थाओं से खिन्न चल रहे डॉ. लखनपाल ने बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक्सट्रा आडर्नरी लीव (ईओएल) के लिए अर्जी दे दी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने उनकी छुट्टी की अर्जी को फिलहाल, स्वीकार नहीं किया है और उम्मीद लगाई जा रही है कि सर्जन अस्पताल में दोबारा लौट आएंगे।

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जानकारी के अनुसार, अस्पताल में बेहोशी की विशेषज्ञ डॉ. आरती शर्मा का तबादला शिमला हो गया था। इसके बाद चंबा अस्पताल में ऑपरेशन ठप हो गए थे। मंगलवार को पठानकोट के एक निजी अस्पताल से विशेषज्ञ के आने और सिर्फ स्त्री रोग के ही ऑपरेशन अस्पताल में होने की बात से सर्जन काफी खिन्न हो गए थे। इस संबंध में उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष अपना पक्ष भी रखा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया। जिसके बाद चिकित्सक ईओएल की अर्जी देकर कार्यालय से चले गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक गुप्ता का मानना है कि ईओएल में छुट्टियों का पैमाना निर्धारित नहीं है। इसमें चिकित्सक एक महीने की छुट्टी पर भी रह सकता है और पांच साल तक भी। हालांकि सर्जन को मनाने की कोशिशें की जा रही है, लेकिन यह तय नहीं है कि वे चंबा अस्पताल में वापस आएंगे भी या नहीं।

फिलहाल, पहले ही बेहोशी के विशेषज्ञ के लिए निजी अस्पताल की मदद मांग रहे अस्पताल प्रशासन को अब सर्जन के लिए भी दूसरे अस्पतालों के हाथ-पांव जोड़ने पड़ सकते हैं। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद चंबा अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती की जो रफ्तार पकड़ी थी वो अब खत्म होती नजर आ रही है।

अस्पताल में की जाएगी वैकल्पिक व्यवस्था : सीएमओ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि सर्जन विक्रम लखनपाल ने ईओएल के लिए आवेदन किया है। जिसे फिलहाल स्वीकार नहीं किया गया है। लेकिन यदि वे छुट्टी पर रहते हैं तो अस्पताल में मौजूद दूसरे सर्जन की मदद ऑपरेशन के लिए ली जाएगी। अस्पताल प्रशासन मरीजों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ेगा।

छुट्टी के चलते पद भरने में मुश्किल

चंबा अस्पताल में सर्जन के लंबी छुट्टी पर चले जाने के बाद अब यहां पद भरने में दिक्कत आ सकती है। यदि विशेषज्ञ इस्तीफा देकर अस्पताल छोड़ते तो शायद सरकारी खाते में पद भरने की संभावनाएं जल्दी जागृत हो जाती। लेकिन विशेषज्ञ के छुट्टी पर होने की वजह से यह पद खाली नहीं गिना जाएगा। ऐसे में भविष्य में दूसरे सर्जन की तलाशआसानी से पूरी नहीं होगी।


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