होटल-रेस्तरां की रसोई पर 'हेल्थ सेंसर'
जागरण संवाददाता, चंबा : अगर आप किसी होटल या रेस्तरां को उसके जायके से जानते हैं तो अब स्वाद बदलने की आदत डाल लीजिए। हो सकता है अब होटल में परोसे जाने वाले व्यंजन पहले के मुकाबले लजीज न हों। स्वास्थ्य विभाग ने होटल व रेस्तरां की रसोई में ऐसे कई बदलाव किए हैं, जिसका असर परोसे जाने वाले व्यंजन के जायके पर भी पड़ेगा।
दरअसल, होटल मालिकों को स्वास्थ्य विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि गैर जरूरी मसाले, रंग व गंध के लिए इस्तेमाल होने वाले तत्व अब किसी भी व्यंजन में नहीं डाले जाएंगे। न तो ज्यादा तेल व्यंजनों में रहेगा और न ही वनस्पति घी का इस्तेमाल हो पाएगा। यानि घर में इस्तेमाल होने वाले सादे मसालों के साथ ही होटल मालिकों को व्यंजन बनाने होंगे। उन्हीं मसालों के बूते होटल के खाने का स्वाद भी भोजन में लाना होगा। हालांकि चंबा शहर के बहुत से होटल मालिक स्वास्थ्य विभाग के इस आदेश से ज्यादा खुश नहीं हैं।
नए निर्देश लागू होने के बाद होटल व रेस्तरां संचालकों को अच्छा-खासा नुकसान चुकाना पड़ रहा है। बिक्री में 40 प्रतिशत की कमी आंकी गई है। स्वाद की वजह से मशहूर शहर के रेस्तरां से ग्राहक अब गायब होने लगे हैं। ज्यादातर व्यंजन उन्हीं सादे मसालों में परोसे जा रहे हैं जो घर की महक देते हों। फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग इस मुद्दे पर कोई ढील देने को तैयार नहीं है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक गुप्ता ने साफ कहा है कि न सिर्फ होटल, रेस्तरां व ढाबे संचालक बल्कि वे लोग जो मणिमहेश यात्रा में लंगर लगा रहे हैं उन्हें भी स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। खाना वही परोसा जाना चाहिए जो स्वस्थ्य विभाग के मानकों और खाने वाले के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो।
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खाना वही जो मानकों पर खरा उतरे : सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अशोक गुप्ता ने कहा कि होटल, रेस्तरां, ढाबों व लंगर में वही खाना परोसा जाएगा जो मानकों पर खरा उतरेगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए बाकायदा दिशा-निर्देश भी तय किए हैं और इसके आधार पर ही काम किया रहा है। खाद्य निरीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय-समय पर इसकी जांच करें और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करें।