गरोला में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बना कार वाशर
संवाद सूत्र, गरोला : जनजातीय क्षेत्र गरोला के सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य की अनुपस्थिति का फायदा उठाकर उप प्रधानाचार्य ने सरकारी ड्यूटी पर तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अपने निजी वाहन की पानी से साफ-सफाई का काम सौंप डाला। गत कुछ दिन पहले घटित इस घटना के बारे में फिलहाल चंद ही लोग जानते होंगे। लेकिन इस अनियमितता के संबंध में संज्ञान लेने वाले ही इस अनियमितता को करें तो फिर उस संस्थान में अनुशासन का क्या होगा।
इस जनजातीय क्षेत्र में 'दैनिक जागरण' द्वारा कैमरे में कैद इस वारदात के बाद फिलहाल सभी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन किसी न किसी को तो इस अनियमितता के बारे में जिम्मेवारी लेनी होगी। फिलहाल इस प्रक्रिया को अंजाम देने वाले संस्थान के प्रभारी का कहना है कि यह सब कुछ उनकी अनुपस्थिति में हुआ। जबकि इस प्रकार की प्रक्रिया आगे घटित नहीं होगी। इस संबंध में सतर्कता बरती जाएगी। सूत्रों की माने तो इस प्रकार की प्रक्रिया को काफी दिनों से अमलीजामा पहनाया जा रहा था। हालांकि इस मामले को लेकर उच्च विभाग के संज्ञान में यह बात ला दी गई है।
आलम यह है कि देखादेखी यह अनियमितता कई संस्थानों में फैशन बन चुकी है। जिसके संबंध में पिछले काफी समय में सुर्खियां बनती चली आ रही हैं। फिलहाल इस मामले के प्रकाश में आने के बाद आगामी कुछ समय तक ऐसे स्वार्थी कर्मचारियों को तीसरी आंख का भय तो जरूर रहेगा। लेकिन बावजूद इसके प्रथा बन चुकी इस अनियमितता और उच्च अधिकारी का प्रसाद पाने की चाह में पैदा होने वाले संपर्क भाव से इस अनियमितता को बड़े ही सेवा भाव से अंजाम देने में लगे कर्मचारियों को अपने अधिकारियों को इससे कोई शिकायत नहीं है।
जिला उच्च शिक्षा उप निदेशक चंबा विजय सिंह ठाकुर ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर इस संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो अवश्य कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा के समय निजी काम नहीं करवाए जा सकते हैं।