1965 में पाकिस्तान को दिया था मुंहतोड़ जवाब
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : 1965 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। भारतीय सेना ने
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : 1965 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को एलओसी के दूसरी तरफ धकेल दिया था। इस युद्ध में हिमाचल के 130 सैनिकों ने शहादत का जाम पिया था। जिसमें से 29 जवान बिलासपुर के भी थे। भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1965 में हुए युद्ध के 51 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वीरवार को जिलास्तरीय स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया।
पूर्व सैनिक कल्याण समिति तथा बिटियां फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में शहर के चंगर सेक्टर स्थित युद्ध स्मारक में आयोजित समारोह में भारत-पाक युद्ध में शहादत का जाम पीने वाले रणबांकुरों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस दौरान भारत मां की जय उद्घोषों से पूरा का पूरा चंगर क्षेत्र गूंज उठा। पूर्व सैनिक कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष सूबेदार प्रकाश चंद की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में बिटियां फाउंडेशन की प्रदेश अध्यक्ष सीमा सांख्यान ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। सूबेदार प्रकाश चंद ने 1965 के भारत-पाक युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 1965 को पाकिस्तानी सेना के लगभग 33 हजार सैनिक एलओसी को पार कर भारतीय सीमा में घुस आए थे। भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तानी सेना को एलओसी के पीछे धकेल दिया। युद्ध में पाकिस्तान के हजारों सैनिक मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।
पांच अगस्त से शुरू हुआ युद्ध 23 सितंबर 1965 तक चला। 23 सितंबर की रात 12 बजे तत्कालीन केंद्र सरकार और भारतीय सेना ने युद्ध विराम की घोषणा की थी। शहीद होने वालों में बिलासपुर जिला से शिव शंकर, छोटाराम, श्यामलाल, रोशनलाल, तुलसीराम, भगतराम, चूहंका राम, सुखराम, शिवराम, प्रेम सिंह, मनसा राम, निक्काराम, तुलसीराम, लाल सिंह, जीत सिंह, मनसा राम, भगवान दास, हजूरा सिंह, भागीरथ, सोहन सिंह, भगतराम, अमरनाथ, इंद्र सिंह, रोशन लाल, ईश्वर सिंह, सुखराम, परसराम, जीत सिंह व रब्बोराम बिलासपुर जिला के थे। इस युद्ध में हिमाचल के 11 शूरवीरों को वीर चक्र, एक को महावीर चक्र तथा सात को सेना मेडल से नवाजा गया था।
इस मौके पर तहसीलदार जीतराम भारद्वाज, बीडीसी उपाध्यक्ष मनोज, कैप्टन भाग सिंह, योगेंद्र जम्वाल, अमरनाथ धीमान, जोगेंद्र सेन, संजय चौधरी, प्रीतम सिंह, सुरेंद्र, बालकराम, हरी सिंह, जीतराम, रामानंद, धर्मपाल, जगजीत सिंह, धनीराम धीमान, सुरेंद्र शर्मा, शिव सिंह, जगदीश, लच्छूराम व अल्फा एकेडमी के बच्चों ने भी भाग लिया।