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फर्जी निशानदेही की जांच न होने पर ग्रामीणों में आक्रोश

जागरण संवाददाता, बिलासपुर : बिलासपुर से लेकर नेरचौक तक बन रहे फोरलेन सड़क के निर्माण में 32 परिवारों

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 06:47 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 06:47 PM (IST)
फर्जी निशानदेही की जांच न होने पर ग्रामीणों में आक्रोश

जागरण संवाददाता, बिलासपुर : बिलासपुर से लेकर नेरचौक तक बन रहे फोरलेन सड़क के निर्माण में 32 परिवारों की फर्जी निशानदेही को लेकर जिला राजस्व विभाग द्वारा जारी नोटिस का जवाब न मिलने पर प्रभावितों ने इसमें मिलीभगत का आरोप लगाया है। प्रभावितों का कहना है कि संबंधित प्रशासन द्वारा उक्त कानूनगो को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। क्योंकि अभी तक कानूनगो ने अपना पक्ष नहीं रखा है।

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कल्लर, धराड़सानी, बैहना, बागठेड़ू व पलथीं के प्रभावितों में शामिल अमरी देवी, मीरा देवी, सत्या देवी, जयदेई, कांता, बीना, द्रोपदी, शेरू राम, प्रेम लाल, सुभाष चंद, राकेश कुमार, उपेंद्र सिंह, भगत राम, किशोरी लाल, रतनू राम, महेंद्र सिंह, प्रभू राम, इंद्र सिंह, जय राम, शंकर सिंह, जगदीश, श्रवण, बाबू राम, लेखराम, मुंशी राम, बलदेव सिंह व चिंता देवी आदि ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा अपनी गलती छुपाने के लिए कानूनगो को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कानूनगो पर कार्रवाई करने की समय अवधि भी पूरी हो चुकी है। जब लोगों ने अपनी जमीन की निशानदेही को लेकर प्रश्न उठाए तो प्रशासन ने बिना समय गवाए एफआइआर दर्ज करवा दी। नामजद लोगों में विशेषतौर पर वह महिलाएं भी शामिल हैं जो मौके पर मौजूद ही नहीं थी। फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने कहा कि इस बारे में लोगों के सब्र का बांध टूट गया है तथा समिति इस मामले को अदालत में लेकर जा रही है।


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