घुमारवीं अस्पताल में एंबुलेंस खा रही जंग
सुरेंद्र जम्वाल, घुमारवीं : घुमारवीं अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए तैनात दो एंबुलेंस खड़े-खड़े ज
सुरेंद्र जम्वाल, घुमारवीं : घुमारवीं अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए तैनात दो एंबुलेंस खड़े-खड़े जंग खा रही है। क्षेत्र के की किसी पंचायत या गांव में कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो अस्पताल प्रशासन केवल 108 एंबुलेंस के सहारे ही कार्य चला रहा है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही 103 एंबुलेंस के सहारे ही घुमारवीं अस्पताल में महिलाओं को पहुंचाया जाता है। समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो लोगों को निजी वाहन कर अस्पताल पहुंचना पड़ता है।
घुमारवीं अस्पताल में कबाड़ बन चुकी एंबुलेंस से स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल अनजान बना हुआ है। यह एंबुलेंस पिछले कई साल से अपनी दुर्दशा के बया कर रही है। एंबुलेंस अस्पताल परिसर में तो जरूर खड़ी है लेकिन मरीजों की सुविधा के लिए नहीं। मरीजों को केवल 108 और 103 एंबुलेंस ही सुविधा मिल पा रही है। एंबुलेंस के दयनीय स्थिति से पहुंचने पर भी स्वास्थ्य विभाग आंखे मूंद कर बैठा है। स्वास्थ्य विभाग चाहे तो इन एंबुलेंस को कबाड़ में बेच कर अपनी आय अर्जित कर सकता है लेकिन इस ओर भी कोई ध्यान नहीं है। दिन-प्रतिदिन और दयनीय स्थिति होती जा रही है। अगर इलाके मे कोई बड़ी दुर्घटना घट जाती हैं तो विभाग के पास कोई बड़ी एंबुलेंस तक नही हैं। सिर्फ 108, 103 के सहारे कार्य चला हुआ हैं। कई बार तो 108 एंबुलेंस दूसरी जगह गई होने के कारण मरीजों को इस सेवा से महरूम रहना पड़ता हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावे हवा नजर होते आ रहे हैं। हर साल लाखों का बजट खर्च करने के बावजूद लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
उधर, खंड चिकित्सा अधिकारी कमल किशोर ने कहा कि इस बारे में उच्च अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से अवगत करा दिया है। आदेश मिलते ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।