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सहानुभूति बटोरने के मकसद से की बर्खास्त कर्मियों की बहाली : शंकर

जागरण संवाददाता, बिलासपुर : हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकर ¨सह ठाकुर ने एक बार फि

By Edited By: Published: Fri, 01 Jul 2016 05:46 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2016 05:46 PM (IST)
सहानुभूति बटोरने के मकसद से की बर्खास्त कर्मियों की बहाली : शंकर

जागरण संवाददाता, बिलासपुर : हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकर ¨सह ठाकुर ने एक बार फिर से परिवहन मंत्री जीएस बाली पर हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि बर्खास्त 30 कर्मचारियों में से 24 को बहाल करके परिवहन मंत्री अब सहानुभूति बटोरने का प्रयास कर रहे हैं। परिवहन कर्मचारी एस्मा अथवा किसी अन्य धमकी से डरने वाले नहीं हैं।

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शुक्रवार को बिलासपुर में पत्रकारों से बातचीत में शंकर ¨सह ठाकुर ने कहा कि एचआरटीसी कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार व निगम प्रबंधन को बकायदा नोटिस देकर हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था। हड़ताल पर जाने से पहले हुई बातचीत में निगम प्रबंधन ने एचआरटीसी की खराब आर्थिक हालत का हवाला देते हुए कर्मचारियों के रात्रि भत्ते व ओवरटाइम के भुगतान में असमर्थता जताई थी लेकिन हड़ताल के 15 दिन बाद कर्मचारियों को इसकी अदायगी कर दी गई। करोड़ों रुपये की यह राशि अब कहां से आई। यदि इसका भुगतान पहले ही कर दिया जाता तो हड़ताल की नौबत ही नहीं आती। गत 16 जून को परिवहन मंत्री ने कर्मचारी नेताओं को अपने कार्यालय में बुलाया था। कार्यालय में ही शपथपत्र तैयार करवाकर उन्होंने कर्मचारियों से इस पर हस्ताक्षर करवाए। उसके बाद उन सभी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। अब उनमें से छांट-छांटकर कर्मचारियों को बहाल किया जा रहा है। कर्मचारी किसी कीमत पर झुकने वाले नहीं हैं। न्यायपालिका से न्याय प्राप्त कर वे एचआरटीसी में जल्द ही वापसी करेंगे।

शंकर सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक आंदोलन के बावजूद निगम में मनमानी जारी है। कंडक्टर भर्ती प्रक्रिया इसका ताजा उदाहरण है। हिमाचल में प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग होने के बावजूद कंडक्टर भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम आगरा की एक निजी कंपनी से क्यों और किस आधार पर तैयार करवाया गया। इतना ही नहीं, इंटरव्यू से महज 10 दिन पहले कंडक्टर भर्ती समिति के अध्यक्ष को पदोन्नत करके मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) बना दिया गया। जबकि यह पद दो वर्ष से खाली था। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।


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