आधारभूत ढांचा कमजोर, नहीं चलता आग पर जोर
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : जिला में आग से करोड़ों रुपये की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है। आधारभूत ढांचा
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : जिला में आग से करोड़ों रुपये की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है। आधारभूत ढांचा कमजोर होने के कारण आग पर जोर नहीं चल पा रहा है। हर रोज आठ से दस आग लगने के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई भी नहीं है। अब तक जिला में दर्जनों जंगल जल गए हैं और रिहायशी मकान, गोशालाएं, दुकानें भी आग की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि वन विभाग व अग्निशमन केंद्र के कर्मचारी घटनाओं को रोकने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन सभी असफल दिखाई दे रहे हैं। दोनों विभाग जंगलों में आग लगने पर कई समस्याएं झेलते हैं लेकिन इनसे पार नहीं पाया जा रहा है।
बिलासपुर जिले में इस बार आग लगने की घटनाओं पर नजर दौड़ाएं तो रोहिण गांव में एक साथ तीन मकान आग की भेंट चढ़े। भराड़ी क्षेत्र के लढयाणी के समीप नाले जोल में एक रसोईघर में आग लगने से लाखों रुपये की संपत्ति तो भराड़ी में मनियारी की दुकान जल गई। लगभग 20 लाख का सामान जलकर राख हो गया। कंदरौर पंचायत के बेनला-ब्राहणां में तीन परिवारों की खेतों में काटकर रखी गेहूं जलकर राख हो गई। किसान को 50 हजार रुपये से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा। नयनादेवी के समीप जंगल तथा झंडूता के राहण, समोह, भड़ोलीकलां, गेहड़वीं जंगल में भी आग से लाखों रुपयों की वन संपदा राख हो गई। हटवाड़ पंचायत के कठलग गांव में छह कमरों का स्लेटपोश मकान आग की चपेट में आ गया। गेहड़वीं के समीप एक गोशाला, स्वारघाट के समीप का जंगल, शाहतलाई का चलेली जंगल, बदसौर जंगल, बल्हसीणा जंगल सहित अन्य स्थानों पर आग ने लाखों रुपये की वन संपदा को जलाकर राख कर दिया है। धराड़सानी, बंदला के जंगलों में आग काबू नहीं हो सकी है।
कार्य कर रहे कर्मचारी
आग से निपटने के लिए अग्निशमन केंद्र के कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। सूचना मिलने पर दमकल वाहन भी मौके पर भेजे जाते हैं। आग लगने पर लोग अग्निशमन केंद्र सूचना दें। घुमारवीं व नयनादेवी में फायर ब्रिगेड की सुविधाएं हैं लेकिन ये उपयुक्त नहीं हैं। हर घटना पर जल्द कार्रवाई करने में परेशानी उठानी पड़ रही है।
- भूपेंद्र डोगरा, जिला अग्निशमन अधिकारी बिलासपुर।
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वन विभाग नियुक्त करता है फायर वाचर
वन विभाग की ओर से फायर सीजन में इस बार 70 फायर वाचर नियुक्त किए गए हैं। फायर वाचर फायर लाइन के साथ ही सफाई करने की जिम्मेदारी निभाते हैं। इसके अलावा आग लगने पर इस पर नियंत्रण करने हैं। कर्मचारी फायर अलर्ट सिस्टम से सतर्क हो जाते है।ं कर्मचारी वन विभाग द्वारा अपने कर्मचारियों को सतर्क करने के लिए फायर अलर्ट सिस्टम के माध्यम से आग की घटना होने पर संदेश भेजा जाता है। संदेश कर्मचारियों तक पहुंचा या नहीं वन विभाग की रिपोर्ट में भी दर्ज किया जाता है।
कर्मचारी तो हैं पर आधारभूत ढांचा नहीं
कर्मचारी तो हैं लेकिन वन मंडल के पास एक ही वाहन है, वो जिला मुख्यालय पर रखा गया है। आग लगने पर वन विभाग के कर्मचारियों को तुरंत मौके पर पहुंचना परेशानी भरा होता है।
लोग करें सहयोग तो कम होंगी घटनाएं
यदि लोग वन विभाग के कर्मचारियों का सहयोग करें तो आग की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। हालांकि पंचायत प्रधान को आदेश दिए गए हैं लेकिन उसके बाद भी लोग कम ही सहयोग कर रहे हैं। पंचायत प्रधान को एक टीम बनाने के लिए कहा गया था। टीमें बनाई गई लेकिन मौके पर कम ही लोग पहुंच पाते हैं।
- सीबी तासीलदार, वन मंडल अधिकारी बिलासपुर।
हेल्पलाइन नंबर जारी
जिला प्रशासन ने आग की घटनाओं को लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इनमें 1077 और 101 दूरभाष नंबर तय किए गए हैं। इन पर आग की सूचना पर त्वरित मदद की जा रही है लेकिन घटनाएं कम होने की बजाय बढ़ रही हैं।
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वन कर्मियों को सुविधाएं न के बराबर
फॉरेस्ट एसोसिएशन वन मंडल बिलासपुर के प्रधान हंसराज का कहना है कि वन कर्मियों को बिना उपकरणों के सीधा आग बुझाने में झोंका जा रहा है। उन्हें मेडिकल, पेजयल, खाने की सुविधाएं तक नहीं हैं। दिन-रात कर्मचारी जंगलों में जूझ रहे हैं। ऐसे हालातों में वनकर्मी इन आपदाओं से जूझेंगे, विभाग को इस दिशा में कदम उठाने होंगे।