लंगर लगाया, सफाई को भी अपनाया
संवाद सूत्र, नयनादेवी : प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयनादेवी में चैत्र नवरात्र मेला समाप्त होने के बाद मंदिर प
संवाद सूत्र, नयनादेवी : प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयनादेवी में चैत्र नवरात्र मेला समाप्त होने के बाद मंदिर परिसर साफ-सुथरा है। श्रद्धालुओं के अलावा नगर परिषद नयनादेवी ने भी मंदिर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए अहम भूमिका निभाई है।
नयनादेवी में चैत्र मेले के दौरान प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखा गया था। नयनादेवी में नवरात्र मेलों के दौरान हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दौरान विभिन्न संस्थाओं द्वारा लंगर लगाए जाते हैं। इस बार नयनादेवी में चैत्र नवरात्र मेलों के दौरान 10 सामाजिक संस्थाओं ने लोगों की सुविधा के लिए लंगर लगाए थे। इन संस्थाओं ने सफाई का विशेष ध्यान रखा है। मंदिर न्यास की ओर से जिस संस्था को लंगर लगाने की अनुमति प्रदान की जाती है, उससे कुछ राशि बतौर सिक्योरिटी ली जाती है ताकि नवरात्र मेला समाप्त होने के बाद वे यहां से जाने से पहले सफाई की जिम्मेदारी उठा सकें। इन संस्थाओं को मंदिर न्यास में जमा सिक्योरिटी वापस लेने के लिए नगर परिषद का अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। इसके बाद ही उन्हें सिक्योरिटी वापस की जाती है। इस बार सभी लंगर संस्थाओं का कार्य बेहतर रहा है। नवरात्र मेला समाप्त होने के बाद मेला परिसर के अलावा लंगर स्थल साफ दिखाई दे रहे हैं। मंदिर परिसर को साफ बनाए रखने के लिए मंदिर न्यास के प्रसास भी सराहनीय रहे हैं। चैत्र नवरात्र समाप्त होने के बाद नयनादेवी में श्रद्धालुओं की संख्या कम होने लगी है। वहीं, बाबा बालकनाथ की तपोभूमि शाहतलाई बाबा के जयकारों से गूंज उठी है। 13 अप्रैल तक बाबा के दर पर श्रद्धालुओं की अधिक आमद रहेगी। बैसाखी पर्व के मौके पर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के कई श्रद्धालु बाबा के दर्शन करते हैं।
दस संस्थाओं ने लगाया लंगर
इस बार नवरात्र मेला में 10 संस्थाओं ने लंगर लगाए थे। लंगर लगाने की अनुमति प्रदान करने से पहले इन संस्थाओं से सिक्योरिटी ली जाती है ताकि बाद में वे सफाई बनाए रखें।
मदन लाल, मंदिर न्यास अधिकारी