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ज्यादा काम से डिप्रेशन का खतरा

जरूरत से ज्यादा काम करने के आदी लोगों में डिप्रेशन (अवसाद) का खतरा बढ़ऩे की आशंका रहती है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 27 May 2016 01:10 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2016 01:21 PM (IST)
ज्यादा काम से डिप्रेशन का खतरा

लंदन (एजेंसी)। जरूरत से ज्यादा काम करने के आदी लोगों के लिए बुरी खबर है। ऐसे लोगों में डिप्रेशन (अवसाद) का खतरा बढ़ऩे की आशंका रहती है। ताजा अध्ययन के मुताबिक, अत्यधिक काम करने वालों में मनोवैज्ञानिक या भावनाओं से जुड़़ी समस्याएं ज्यादा पाई जाती हैं। विशेषषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोगों में चिंता, अवसाद समेत अन्य मानसिक बीमारियां जैसे अटेंशन डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी, इससे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है), आवेग, चिंता और ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) की समस्याएं भी सामने आती हैं।

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कलरिंग से दूर होता है तनाव

नॉर्वे के शोधकर्ताओं ने बताया कि अत्यधिक काम करने वाले लोगों ने इन बीमारियों के सूचकांक में ज्यादा अंक हासिल किए। ऐसे लोगों में एडीएचडी का खतरा सामान्य लोगों की अपेक्षा 20 फीसदी ज्यादा रहता है। ओसीडी की आशंका भी तकरीबन 17 प्रतिशत अधिक रहती है। हालांकि, इनमें चिंता का खतरा 22 फीसदी तक ज्यादा पाया गया है। इसके अलावा तकरीबन नौ फीसदी लोगों के अवसाद में जाने की आशंका भी पाई गई।

डरें नही डिप्रेशन से


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