युवीआइटिस सुरक्षित रहेंगी आंख
युवीआइटिस आंखों से संबंधित रोग है। यह रोग एक तरह से आंखों की अंदरूनी सूजन है, जिसका अब प्रभावी इलाज संभव है...
हमारी आंखों में कई पर्र्तें होती हैं, जिनमें से मध्य पर्त को युविया कहते हैं। युविया का मुख्य कार्य रेटिना तक रक्त पहुंचाना है।
रेटिना आंख का वह संवेदनशील भाग है, जो हमें दिखने वाली चीजों की छवियों को केंद्रित कर हमारे दिमाग को संकेत भेजता है।
युविया से रक्त मिलने के कारण रेटिना लाल रंग का होता है, परंतु, कभी-कभी किसी कारणवश, युविया में सूजन आ जाती है जिसे युवीआइटिस कहते हैं।
कारण: युवीआइटिस होने के कई कारण हो सकते हैं। वाइरस इंफेक्शन या फंगस, बैक्टीरिया आदि जीवाणुओं का संक्रमण भी एक वजह हो सकती है, लेकिन कभी-कभी, स्वस्थ व्यक्तियों में भी यह
नेत्र रोग पाया जाता है, जिसकी वजह अभी अज्ञात है। कई बार युवीआइटिस की वजह कोई आटोइम्यून बीमारी भी हो सकती है।
जैसे र्यूमैटॉइड अर्थराइटिस और सोरायसिस आदि। इन रोगों में शरीर का रोग प्रतिरक्षक तंत्र शरीर को ही क्षति पहुंचाने लगता है।
वहीं दूसरी ओर किसी विषैले पदार्थ के आंखों के संपर्क में आने से या आंख में चोट लगने से युवीआइटिस होने की आशंका होती है।
लक्षण
- आंखों का लाल होना और दर्द महसूस होना।
- दृष्टि में काले धब्बे नजर आना।
- धुंधला दिखाई देना। रोशनी के प्रति अतिसंवेदनशीलता होना।
- आंख की पुतली में कुछ सफेद नजर आना।
इलाज: इलाज का मुख्य उद्देश्य आंखों की सूजन को कम करना होता है। उपचार की एक विधि स्टेरॉइड दवाओं का सेवन करना है।
इस रोग में विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज को सूजन कम करने की दवाएं देते हैं। ये दवाएं आईड्रॉप के रूप में दी जा सकती हैं। इसके अलावा, खाने की गोलियां या फिर आंख में इंजेक्शन भी दिया जा
सकता है। ऐसे मरीज जिनमें युवीआइटिस आंख में ज्यादा अंदर की ओर हो और इसका उपचार करना कठिन हो, तो ऐसे लोगों की आंख
में एक यंत्र इम्प्लांट करके भी युवीआइटिस का इलाज किया जाता है। यदि युवीआइटिस किसी संक्रमण के कारण हुआ हो, तो एंटीबॉयोटिक्स व एंटीबैक्टीरियल दवाएं देकर इसका उपचार होता
है, परंतु, अगर स्थिति अधिक गंभीर हो जाए और दृष्टि जाने का खतरा हो, तो इम्यूनो सप्रेसिव दवा देकर इसे ठीक किया जाता है।
दवाओं आदि के अलावा विट्रेक्टॅमी नामक ऑपरेशन प्रक्रिया से भी इसका इलाज संभव है।
डॉ.राजीव जैन नेत्र विशेषज्ञ, नई दिल्ली