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कमर पर हावी न हो दर्द

कमर दर्द की समस्या के अधिकतर मामले 35 से 65 साल की उम्र में सामने आते हैं। वस्तुत: आपकी रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल कॉर्ड) कई शारीरिक संरचनाओं से जुड़ी होती है। जैसे हड्डी, जोड़, मांसपेशियां, लिगामेंट्स और न‌र्व्स आदि। आमतौर पर कमर दर्द की समस्या मांसपेशियों या फिर लिगामेंट्स म

By Edited By: Published: Tue, 06 May 2014 11:04 AM (IST)Updated: Tue, 06 May 2014 11:04 AM (IST)
कमर पर हावी न हो दर्द

कमर दर्द की समस्या के अधिकतर मामले 35 से 65 साल की उम्र में सामने आते हैं। वस्तुत: आपकी रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल कॉर्ड) कई शारीरिक संरचनाओं से जुड़ी होती है। जैसे हड्डी, जोड़, मांसपेशियां, लिगामेंट्स और न‌र्व्स आदि। आमतौर पर कमर दर्द की समस्या मांसपेशियों या फिर लिगामेंट्स में हुई क्षति के कारण उत्पन्न होती है,जिसे मैकेनिकल बेक पैन कहते हैं। इसके अलावा कभी-कभी रीढ़ की हड्डी के क्षतिग्रस्त भाग के कारण भी कमर दर्द होता है। जैसे किसी हड्डी में फ्रैक्चर का होना। इसके अलावा स्लिप्ड डिस्क, ऑस्टियोपोरोसिस, स्पाइनल स्टेनोसिस, ऑस्टियोअर्थराइटस व टी. बी. आदि।

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लक्षण

-कमर के निचले भाग में तनाव, भारीपन, पीड़ा या अकड़न महसूस करना।

-कमर दर्द को अक्सर नॉन स्पेशिफिक बैक पेन के रूप में संदर्भित किया जाता है। 10 में से 9 व्यक्तियों को इसकी शिकायत रहती है, जो चार से छह सप्ताह में ठीक भी हो सकती है।

-बुखार आना, वजन का कम होना।

-रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन (डिफॉर्मिटी)।

-एक या दोनों पैरों में कमजोरी आना, सुन्नपन महसूस होना।

-पेशाब पर नियंत्रण समाप्त हो जाना।

जांचें- जैसे एक्स रे, एमआरआई और ब्लड टेस्ट आदि।

उपचार-अधिकांश मामलों में कमर दर्द का इलाज दवाओं और फिजियोथेरेपी द्वारा किया जाता है। पीड़ित व्यक्ति को शारीरिक श्रम जैसे नियमित रूप से चलना -फिरना चाहिए। जब तक डॉक्टर का निर्देश न हो, तब तक पूरी तरह बेड रेस्ट से बचा जा सकता है। दर्द वाली जगह पर गर्म सिकाई कर सकते हैं या मलहम लगा सकते हैं। सामान्य पेन किलर के द्वारा कमर दर्द में अस्थायी तौर पर आराम मिल सकता है।

सर्जरी- बैक पेन सर्जरी सिर्फ तभी की जा सकती है, जब पीड़ित व्यक्ति पर अन्य सभी उपचार विफल रहे हों। सर्जरी तभी संभव है, जब पीड़ित व्यक्ति की स्लिप डिस्क या अन्य कारणों से नर्व दब रही हो।

(डॉ.अमिताभ गुप्ता न्यूरो-स्पाइन सर्जन ,इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर, नई दिल्ली)

पढ़ें:अब स्पाइनल फ्रैक्चर्स का इलाज हुआ बेहतर


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