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घुटने की गठिया से घबराएं नहीं

जब घुटने में लगातार दर्द बना रहे, घुटने के मूवमेंट में दिक्कत हो और पैरों में तिरछापन आने लगे, तो इस स्थिति को आम भाषा में घुटने की गठिया(नी अर्थराइटिस)कहते हैं। लक्षण -रोग की शुरुआती अवस्था में जमीन या फर्श से उठने पर घुटनों में दर्द होता है। -सीढि़यां चढ़ने-उतरने में दर्द ह

By Edited By: Published: Tue, 07 Oct 2014 11:37 AM (IST)Updated: Tue, 07 Oct 2014 11:37 AM (IST)
घुटने की गठिया से घबराएं नहीं

जब घुटने में लगातार दर्द बना रहे, घुटने के मूवमेंट में दिक्कत हो और पैरों में तिरछापन आने लगे, तो इस स्थिति को आम भाषा में घुटने की गठिया(नी अर्थराइटिस)कहते हैं।

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लक्षण

-रोग की शुरुआती अवस्था में जमीन या फर्श से उठने पर घुटनों में दर्द होता है।

-सीढि़यां चढ़ने-उतरने में दर्द होता है।

-जब रोग गंभीर अवस्था में पहुंच जाए, तो चलने-फिरने में दिक्कत होती है। यहां तक कि मरीज सिर्फ बिस्तर तक ही सीमित हो जाता है।

-पैरों में तिरछापन आ सकता है।

-घुटनों में सूजन रहना।

कारण: घुटने की गठिया के कुछ प्रमुख कारण हैं। पहला, र्यूमैटाइड अर्थराइटिस और दूसरा घुटने की गठिया या अर्थराइटिस का होना। उम्र बढ़ने के साथ जब जोड़ों के कार्टिलेज घिसने लगते हैं, तो तब ऑस्टियो-अर्थराइटिस की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह समस्या घुटने की गठिया का कारण बनती है।

जटिलताएं

समय पर उपचार न होने के कारण जोड़ के अंदर की कार्टिलेज नष्ट हो जाती हैं। इसी तरह पैर में तिरछापन बढ़ता जाता है और जोड़ जाम होने लगते हैं।

इलाज

हर किस्म की गठिया (अर्थराइटिस) की शुरुआती अवस्था में सबसे पहला इलाज व्यायाम व फिजियोथेरेपी है। कुछ दवाओं को भी रोग की प्रारंभिक अवस्था में दिया जाता है। अगर इसके बाद भी पीड़ित व्यक्ति को राहत नहीं मिलती, तो इस स्थिति में पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण के अलावा अन्य कोई विकल्प शेष नहीं रहता।

पाठकों से अपील

जोड़ों में दर्द होना घुटने की गठिया या किसी अन्य प्रकार के अर्थराइटिस रोग का केवल एक लक्षण हैं। इस एक लक्षण का स्थायी इलाज दर्द निवारक दवाएं लेने, किसी मलहम या लेप लगाने से नहीं होता। ऐसा करने से मूल रोग बढ़ता जाता है और रोग के लक्षणों में सिर्फ अस्थायी राहत मिलती है, जबकि जोड़ खराब होते जाते हैं।

(डॉ.संदीप गर्ग अस्थि व जोड़ रोग विशेषज्ञ)

पढ़ें:नी कैप सिंड्रोम- अर्थराइटस नहीं है यह रोग


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