एग्जैम में न करें आंखो को अनदेखा
आम तौर पर एग्जैम की डेट नजदीक आते ही लोग किताबों से चिपक जाते हैं। अच्छे रिजल्ट के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। फिर चाहे रात हो या दिन, लगातार उनकी आंखें किताबों के सामने होती हैं। लगातार पढ़ाई करने में सबसे अधिक दिमाग व आंखों का इस्तेमाल होता है। दिमाग की सेहत के लिए तो लोग न्यूट्रिशनल डाइट लेते हैं, पर आंखों की स
आम तौर पर एग्जैम की डेट नजदीक आते ही लोग किताबों से चिपक जाते हैं। अच्छे रिजल्ट के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। फिर चाहे रात हो या दिन, लगातार उनकी आंखें किताबों के सामने होती हैं। लगातार पढ़ाई करने में सबसे अधिक दिमाग व आंखों का इस्तेमाल होता है। दिमाग की सेहत के लिए तो लोग न्यूट्रिशनल डाइट लेते हैं, पर आंखों की सेहत को नजर अंदाज कर देते हैं। डीडी के साथ जानते हैं एग्जैम के दौरान कैसे करें
आंखों की देखभाल
घंटों पढ़ते रहने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। फोर्टिस हेल्थकेयर के ऑप्थेल्मोलॉजी विभाग के डॉ. संजय धवन बताते हैं कि एग्जैम के समय में बच्चे लगातार कई घंटों तक पढ़ते हैं, जिसके चलते उन्हें मायोपिया या कम दूरी की वस्तुओं को देखने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि बहुत पास की वस्तुओं को ध्यान से देखने से आंखों के लेंस के आकार को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं।
लगातार सिकुड़न आइबॉल को फैला देती है, जिसके चलते आइबॉल का आकार बदल जाता है।
पड़ता है दबाव
अधिकतर मामलों में स्टूडेंट अपनी पढ़ाई में इतना अधिक मशगूल हो जाते हैं कि उन्हें दिन के उजाले के धुंधले होने का पता भी नहीं चलता। इस कारण सिरदर्द, आइबॉल में जलन पीठ और गर्दन में दर्द की समस्या भी घेर लेती है। लगातार एक ही जगह पर ध्यान केंद्रित करने पर पलकें झपक नहीं पातीं। ऐसे में आंखों में सूखापन महसूस होता है, क्योंकि ब्रेन को ऑक्सीजन व ब्लड सर्कुलेशन ठीक करने के लिए कुछ समय चाहिए होता है।
तय करें पढ़ने का समय
स्वस्थ दिमाग और आंखों के लिए पढ़ाई का समय सीमित होना जरूरी है। मध्यरात्रि तक पढ़ना आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। कम रोशनी में शब्दों को पेज पर देखने में मशक्कत करनी पड़ती है और लंबे समय तक यह दबाव बने रहने से मायोपिया की समस्या पैदा हो सकती है।
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ब्रेक है जरूरी
पढ़ते समय कुछ मिनट ब्रेक लें और ध्यान हटाने के लिए एक्सरसाइज करें- अपना ध्यान आसपास की वस्तुओं से हटा कर दस फीट दूर की चीजों पर फोकस करें। इसके अलावा अपनी कोहनी को डेस्क पर रखें और हथेलियों को उपर की ओर रखें। अपने वजन को आगे की ओर आने दें और सिर को हाथों पर ऐसे टिकाएं कि आपके हाथ आंखों को कवर कर लें। आंखें बंद कर लें और गहरी सांस लें। चार सेकंड रुकें। फिर सांस छोड़ें। इस तरह गहरी सांस लेना 8-10 सेकंड तक ़जारी रखें। ऐसा दिन में कई बार करें।
ध्यान रखें
-स्टडी रूम की लाइट ऐसी होनी चाहिए जो आंखों को चुभे नहीं और देखने में कोई दिक्कत भी न हो। लाइट पीछे से नहीं सामने से आनी जरूरी है।
-जब पढ़ने से थ़कान महसूस करने लगें तो कुछ देर के लिए आंखें बंद कर लें।
-एक कप ब्लैक/ ग्रीन टी लें।
-रोजाना एक से दो बार पलकों के ऊपर,भौहों के आसपास की मांसपेशियों और माथे पर हलके हाथों से सर्कुलर मोशन में मसाज करें।
-गैस्ट्रोइंट्रालॉजिस्ट डा. दीप गोयल के मुताबिक ज्यादातर स्टूडेंट्स न्यूट्रिएंट डाइट के बजाय पिज्जा व बर्गर आदि जंक फूड खाना पसंद करते हैं। लेकिन इनसे बॉडी में जरूरी न्यूट्रिएंट तत्वों की कमी हो जाती है। इसलिए परीक्षा के दौरान इन सभी चीजों से परहेज करना जरूरी है। आयरन, कैल्शियम, जिंक युक्त पौष्टिक भोजन ही फायदेमंद होता है। ये सभी आंखों की सेहतके लिहाज से बेहतर होते हैं।
-दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट से करें। जिसमें अंडा, पोहा, ओट्स, उपमा, इडली व खिचड़ी आदि हों। जिनमें लिसेमिक की मात्रा कम हो और शरीर को प्र्याप्त ग्लूकोस मिले।
-बादाम, सेब, अंगूर, संतरा, अंजीर, अखरोट, किशमिश, सोयाबीन व मछली आंखों के लिए अच्छे होते हैं। स्टार्च वाली सब्जियां जैसे आलू, अरबी से बचें।