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जानिए गर्भधारण से आपकी गोद में आने तक शिशु की विकास प्रक्रिया

मां के शरीर में पनपती नन्हींसी जान की हर हलचल मां के तन-मन में एक जादुई अहसास जगाती है। जानिए गर्भधारण से आपकी गोद में आने तक शिशु की विकास प्रक्रिया से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य: 1. आपका बच्चा लाखों में नहीं,बल्कि 25 करोड़ में एक है। जी हां, यह सच है। दरअसल इतनी ही संख्या

By Edited By: Published: Mon, 28 Apr 2014 11:29 AM (IST)Updated: Mon, 28 Apr 2014 11:29 AM (IST)
जानिए गर्भधारण से आपकी गोद में आने तक शिशु की विकास प्रक्रिया

मां के शरीर में पनपती नन्हींसी जान की हर हलचल मां के तन-मन में एक जादुई अहसास जगाती है। जानिए गर्भधारण से आपकी गोद में आने तक शिशु की विकास प्रक्रिया से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य:

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1. आपका बच्चा लाखों में नहीं,बल्कि 25 करोड़ में एक है। जी हां, यह सच है। दरअसल इतनी ही संख्या में पुरुष के स्पर्म निकलते हैं, जिसमें से किसी एक के साथ अंडाणु संयुक्त होकर एक नन्हींसी जान बनता है। तो हुआ न आपका बच्चा 25 करोड़ में एक।

2. गर्भधारण के मात्र 22 दिन बाद ही शिशु का दिल धड़कना शुरू कर देता है। इसका आकार मात्र पोस्तादाना जितना होता है, पर उसकी धड़कन की गति गर्भावस्था के दौरान आपकी हृदय गति से दोगुनी होती है। पहली तिमाही के अंत तक गर्भस्थ शिशु के दिल की धड़कन की रफ्तार 157 धड़कन प्रति मिनट होती है।

3. छह हफ्ते में शिशु का आकार राजमा के दाने जितना हो जाता है और उसका चेहरा और जनन अंग आकार लेने लगते हैं।

4. पहले 9-12 हफ्ते में शिशु के बाल विकसित होने लगते हैं। सबसे पहले आइब्रो बनती हैं। इसके बाद हल्के रोएं पूरे शरीर पर आते हैं। ये रोएं एक प्रकार से शरीर पर एक आवरण का कार्य करते हैं, जिसकी वजह से शिशु गर्माहट महसूस करता है।

5. 13 हफ्तों के भीतर शिशु के सभी मुख्य अंग बन जाते हैं और कार्य करने लगते हैं। हालांकि उस स्थिति में शिशु का आकार आपकी बंद मुट्ठी से अधिक नहींहोता।

6. 17 हफ्ते में उसके फिंगर प्रिंट्स बन जाते हैं। यही फिंगर प्रिंट्स ताउम्र उसके साथ रहते हैं।

7. गर्भाशय में शिशु की हलचलें आठ हफ्ते के भीतर ही शुरू हो जाती हैं पर आपको कुछ समय बाद से हलचलें महसूस हो पाती हैं। अगर आप पहली बार मां बन रही हैं, तो 18 हफ्ते में पहली बार ये हलचलें महसूस होती हैं। दूसरे या तीसरे बच्चे के समय आप इससे कुछ पहले ही उसकी हलचलें महसूस करने लगती हैं।

8. गर्भनाल आपके शरीर का करीब 35 प्रतिशत रक्त आपके शिशु तक 500 मिली प्रति मिनट की दर से पहुंचाती रहती है।

9. 20 हफ्ते का होने पर शिशु प्रतिदिन तीन टेबलस्पून मूत्र उत्सर्जित करने लगता है, जो कि उसके द्वारा प्रतिदिन ग्रहण किए जाने वाले दो लीटर द्रव्य से बनता है।

10. 24 हफ्ते में शिशु के कान पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं और वह गर्भाशय में रहते हुए अंदरूनी एवं बाहरी आवाजें सुन सकता है। हां, मां की आवाज न सिर्फ उससे सबसे ज्यादा साफ सुनाई देती है, बल्कि सबसे ज्यादा सुकून भी देती है।

11. 26 हफ्ते में पहली बार उसकी आंखें खुलती हैं। हां, यह बात अलग है कि अंधेरे में उसे ज्यादा कुछ दिखाई नहींदेता।

12. गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में शिशु के शरीर में वसा प्रतिदिन एक औंस बढ़ती है।


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