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..अब पूरा घर रहेगा हेल्दी

श्रीमती गरिमा खाना बनाते समय हमेशा स्वाद के साथ-साथ उसकी पौष्टिकता का पूरा ध्यान रखती हैं। उनकी पूरी कोशिश रहती है कि खाना स्वादिष्ट होने के साथ ही घर के सदस्यों के लिए सेहतमंद भी हो। दूसरी ओर श्रीमती स्वाति का ध्यान इस बात पर रहता है कि कैसे भी जल्दी-जल्दी बस खाना बन जाए और सबके प्

By Edited By: Published: Sat, 06 Sep 2014 12:15 PM (IST)Updated: Sat, 06 Sep 2014 12:15 PM (IST)
..अब पूरा घर रहेगा हेल्दी

श्रीमती गरिमा खाना बनाते समय हमेशा स्वाद के साथ-साथ उसकी पौष्टिकता का पूरा ध्यान रखती हैं। उनकी पूरी कोशिश रहती है कि खाना स्वादिष्ट होने के साथ ही घर के सदस्यों के लिए सेहतमंद भी हो। दूसरी ओर श्रीमती स्वाति का ध्यान इस बात पर रहता है कि कैसे भी जल्दी-जल्दी बस खाना बन जाए और सबके पेट में चला जाए। उन्हें इस बात से कोई लेना-देना नहीं रहता कि खाना पौष्टिक है या नहीं। श्रीमती स्वाति की इसी आदत की वजह से अक्सर उनके बच्चे और पति डॉक्टर के पास पहुंचते रहते हैं, जबकि श्रीमती गरिमा का पूरा परिवार न केवल पूरी तरह स्वस्थ रहता है, बल्कि अधिक एक्टिव भी रहता है।

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बस, थोड़ी सी सूझबूझ व सजगता से आपका परिवार भी स्वस्थ रह सकता है। साथ ही आप बचत भी करती जाएंगी।

-सब्जियां पकाने के लिए लोहे की कड़ाही का इस्तेमाल अवश्य करें। इससे हमें शरीर के लिए आवश्यक आयरन प्राप्त होता है।

-इंडक्शन या सोलर कुकर का इस्तेमाल करें। इसमें भोजन की पौष्टिकता भी बरकरार रहती है और समय व पैसे की भी बचत होती है। इंडक्शन पर भी लोहे के बर्तनों का प्रयोग किया जा सकता है।

-उबालना सबसे अच्छी विधि है। इसमें भोजन की पौष्टिकता संचित की जा सकती है।

-सोयाबीन में सर्वाधिक प्रोटीन होता है, लेकिन यदि आपको सोयाबीन पसंद नहीं है तो सोयाबीन का आटा गेहूं के आटे में मिला लें। रोटियां स्वादिष्ट और पौष्टिक बनेंगी।

-मौसमी फल साबुत खाएं। जूस बनाने से इसके रेशे निकल जाते हैं। रेशों का भी हमारे भोजन में होना आवश्यक है। इसलिए साबुत व छिलके वाली दालों का प्रयोग अधिक लाभप्रद होता है।

-सब्जियों के छिलके जरूरी होने पर ही छीलें। आवश्यक होने पर पतले छिलके निकालें वर्ना छिलकों के साथ विटामिन भी नष्ट हो जाएगा।

-हमेशा अनाज व दालों का साथ-साथ प्रयोग करने से पूर्ण व हाई प्रोटीन मिलता है।

-यह आवश्यक नहीं कि संतुलित भोजन के लिए कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाएं। थोड़े से संयोजन से दो व्यंजनों में भी संतुलित भोजन तैयार किया जा सकता है। जैसे दाल में पालक, लौकी डाल लें। रोटी बनाने के लिए आटे में चने का आटा या बेसन व पत्तीदार सब्जियां मिला सकती हैं।

-सब्जियों को धोकर काटें न कि काटकर धोएं इससे उनके पानी में घुलनशील विटामिन नष्ट हो जाएंगे।

-यदि फल खाना पसंद नहीं है तो शेक बनाएं जैसे बनाना शेक, एप्पल शेक आदि या फलों को काटकर चाट बना लें। इसे बच्चे व बड़े दोनों पसंद करेंगें।

-उबालते समय सब्जी में ज्यादा पानी न डालें। इसी प्रकार चावल पकाते समय भी नापकर पानी डालें ताकि बाद में पानी फेंकना न पड़े।

-आजकल फास्ट फूड युवाओं की पसंद बना हुआ है। बच्चे तो मानेंगे नहीं यह आपको देखना है कि उनकी पसंद की चीजों को पौष्टिक कैसे बनाया जाए। पिज्जा की टमाटर प्यूरी में सब्जियां पीसकर मिला दें। नूडल्स को भी कई सब्जियों के साथ बनाएं। इससे बच्चों को पौष्टिक तत्व भी मिल जाएंगे।

-पनीर के पानी अथवा बची हुई सब्जियों से आटा गूंथकर पराठे बना लें। ये स्वादिष्ट व पौष्टिक बनेंगे।

-भोजन परोसने से पहले मेज पर सलाद अवश्य रख लें। इससे सलाद बचेगा नहीं और सभी को जरूरी पोषक तत्व भी मिल जाएंगे।

-मीठे के स्थान पर भोजन करने के थोड़ी देर बाद फल खाने की आदत डालें

दिव्या नारायण

(सीनियर फिजीशियन व हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. आरती लालचंदानी से बातचीत पर आधारित)


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