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जरूरी है बुजुर्गों की देखभाल

घर के बुजुर्गो का ध्यान रखना परिवार के हर सदस्य की जिम्मेदारी है। आइये हम आपको कुछ ऐसे जरूरी टिप्स बताते हैं जिनसे हमारे ये बुजुर्ग एक स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकते हैं....

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 11 May 2016 12:23 PM (IST)Updated: Wed, 11 May 2016 12:50 PM (IST)
जरूरी है बुजुर्गों की देखभाल

घर में बुजुर्गों की समुचित देखभाल करना परिवार के अन्य सदस्यों की जिम्मेदारी है। जहां तक उनकी सेहत का मुद्दा है, तो इस ओर खासतौर पर ध्यान देने की जरूरत है। कारण, यह कि वे दवाएं लेना या तो भूल जाते हैं या फिर याददाश्त के कमजोर होने और डीमेंशिया (जिसमें याददाश्त काफी कमजोर हो जाती है) नामक रोग के कारण उनके समक्ष कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। कमजोरी और अन्य शारीरिक कारणों के चलते बुजुर्ग घर में ही कभी-कभी गिर पड़ते हैं। आइए इस संदर्भ में इन टिप्स पर ध्यान दें...

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फोल्डर बनाएं: बुजुर्गों की बीमारी से संबंधित एक फोल्डर बनाएं। इस फोल्डर में उनकी बीमारी से संबंधित जांच रिर्पोटें और डॉक्टर के प्रिसक्रिप्सन रखें। डॉक्टर का कॉन्टैक्ट फोन नंबर आदि मेडिकल रिकार्ड रखें। आप चाहें, तो बीमारी से संबंधित विवरण को पेन ड्राइव में भी सुरक्षित रख सकते हैं।

मेडिकल अटेंडेंट की मदद लें: अगर बुजुर्ग सदस्य की सेहत बद से बदतर हो रही है, तो ऐसी स्थिति में आप मेडिकल पेशे से संबंधित मामलों में प्रशिक्षित नर्स या किसी प्रशिक्षित अटेंडेंट की मदद ले सकते हैं। ऐसा अटेंडेंट डॉक्टर के प्रिसकिप्सन पर सही तरह से अमल कराने में पीडि़त बुजुर्ग की मदद करेगा। देश में कई हेल्थ केयर प्रोवाइडर कंपनिया हैं, जो प्रशिक्षित अटेंडेंट को उपलब्ध कराती हैं।

ऐसे बचाएं गिरने से: घर में सुरक्षा से संबंधित बातों पर ध्यान दें ताकि बुजुर्ग सदस्य फर्श पर या बाथरूम में फिसल न जाएं। कुछ एंटीडिप्रेसेंट और अन्य दवाएं ऐसी होती हैं, जो शरीर में आलस्य और सुस्ती लाती हैं। इस कारण बुजुर्ग फिसलकर गिर जाते हैं। इसलिए परिवार के सदस्यों का यह फर्ज बनता है कि वे फर्श को सूखा रखें। बुजुर्गों को ऐसे जूते या चप्पल पहनने को दें, जो कमफर्टेबल हों और फिसलन से बचाएं और फिसलनरोधी चटाइयों (मैट्स) का घर में इस्तेमाल करें।

सक्रिय रहने का मौका दें: अभिभावकों या बुजुर्गों को सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करें। उन्हें टहलने के लिए प्रेरित करें ताकि वे फिट रह सकें। परिवार के अन्य सदस्य या फिर केयर गिवर या अटेंडेंट को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बुजुर्ग नियमित रूप से टहलें।

प्रस्तुति: विवेक शुक्ला

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