हैप्पी व हेल्दी रहने का अचूक उपाय
क्या आप जानते हैं कि प्रात: कालीन सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से हमारी आंखों की रेटिना जो रोशनी अवशोषित करती है, उसके फलस्वरूप हमारे मस्तिष्क को शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली के प्रबंधन यानी बायोलॉजिकल क्लॉक सेट करने में मदद मिलती है।
हाल ही में बीता है छठ पर्व, जिसमें बड़ी ही श्रद्धा के साथ उगते हुए सूर्य को अघ्र्य देने का विधान है। श्रद्धा अपनी जगह है, पर इसके स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी कुछ कम नहीं हैं। इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि रोजाना थोड़ी देर धूप सेंकने से शरीर को विटामिन डी की जरूरी खुराक प्राप्त होती है, यह हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है, पर क्या आप जानते हैं कि प्रात: कालीन सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से हमारी आंखों की रेटिना जो रोशनी अवशोषित करती है, उसके फलस्वरूप हमारे मस्तिष्क को शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली के प्रबंधन यानी बायोलॉजिकल क्लॉक सेट करने में मदद मिलती है। फलस्वरूप शरीर का तापमान, ब्लडप्रेशर व हारमोन्स के उत्पादन पर नियंत्रण कायम रखना संभव होता है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, यह कहना है अमेरिकी वैज्ञानिकों का।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके अलावा सूर्य की किरणें मस्तिष्क के उस हिस्से को सक्रिय करती हैं, जो हमारी चेतना व एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है। निद्रा के लिए जिम्मेदार हारमोन मेलाटोनिन के उत्पादन पर नियंत्रण के जरिए सूर्य की ये किरणें हमें ऊर्जावान व तरोताजा बनाए रखने में भी सहायक हैं। वहीं सेरोटोनिन हारमोन के उत्पादन को तेज करके हमें खुशमिजाज रखने में भी है सूर्य की किरणों की अहम भूमिका। यही वजह है कि न केवल हमारी भारतीय संस्कृति, बल्कि प्राचीन मिस्र और ग्रीक सहित दुनिया की विभिन्न संस्कृतियों में सूर्य की अराधना को महत्व दिया गया है। जब प्रात:कालीन सूर्य नमस्कार के हैं इतने फायदे तो क्यों न इसके साथ करें दिन की शुरुआत, ताकि आप रहें हेल्दी।