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सांस की बीमारी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी

नई दिल्ली। देश में सांस संबंधी संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ हेल्थ इंटेलीजेंस (सीबीएचआइ) द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2015 में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार 2014 में एक्यूट रेस्पिटरी इंफेक्शन या एआरआइ (तीव्र श्वसन संक्रमण) के

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2015 10:37 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2015 10:43 PM (IST)
सांस की बीमारी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी

नई दिल्ली। देश में सांस संबंधी संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ हेल्थ इंटेलीजेंस (सीबीएचआइ) द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2015 में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार 2014 में एक्यूट रेस्पिटरी इंफेक्शन या एआरआइ (तीव्र श्वसन संक्रमण) के चलते करीब 3000 लोगों की मौत हो गई है। इस रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने पिछले तीस सालों में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभावों का भी अध्ययन किया है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2014 में एआरआइ के 3,48,14,636 मामले सामने आए। इनमें से 1,67,90,438 मरीज महिलाएं थीं। इस दौरान कुल 2,932 लोगों की मौत हुई। वहीं, 2013 में एआरआइ से होने वाली मौतों की संख्या 3,513 थी, जबकि 2013 में एआरआइ के कुल 3,34,23,107 मामले सामने आए थे।

एआरआइ से सर्वाधिक मौतें पश्चिम बंगाल में हुईं। यहां सांस की बीमारी से 625 लोगों की मौत हुई। इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है, जहां 619 लोगों ने एआरआइ के चलते जान गवांई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2013 में एआरआइ के 3,90,170 मामले सामने आए और 175 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2014 में 3,39,506 मामले सामने आए और 104 लोगों की मौत हो गई।


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