सांस की बीमारी दूर करेगी बांसुरी
सांस की बीमारी से त्रस्त लोगों के लिए एक राहत भरी ख़्ाबर यह है कि अमेरिका स्थित बफेलो यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के वैज्ञानिक संजय शेट्टी के नेतृत्व में तैयार की गई बांसुरी अब फेफड़े की पुरानी बीमारी (सीओपीडी) से पीडि़त मरीज़ों को सांस लेने में मदद करेगी। इस बांसुरी
सांस की बीमारी से त्रस्त लोगों के लिए एक राहत भरी ख़्ाबर यह है कि अमेरिका स्थित बफेलो यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के वैज्ञानिक संजय शेट्टी के नेतृत्व में तैयार की गई बांसुरी अब फेफड़े की पुरानी बीमारी (सीओपीडी) से पीडि़त मरीज़ों को सांस लेने में मदद करेगी। इस बांसुरी को लंग फ्लूइट का नाम दिया गया है, जो फेफड़ों में मौजूद क$फको ध्वनि तरंगों के ज़रिये तोडऩे का काम करेगी। इसके लिए मरीज़ को केवल इसे बजाने का प्रयास करना होगा। इससे एक हल्की ध्वनि निकलती है। 26 महीने चले इस शोध में पाया गया कि जो मरीज़ लंग फ्लूइट का इस्तेमाल कर रहे थे, उन्हें सांस लेने में कम तकली$फ हुई और उनकी खांसी में भी कमी आई। प्रो.शेट्टïी के मुताबिक शोध से यह साबित हुआ है कि लंग फ्लूइट सीओपीडी के मरीज़ों की हालत में सुधार लाता है और उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है। अमेरिका स्थित फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने इस खोज को मान्यता दे दी है। डॉ. शेट्टïी के सहयोगी अब एस्थमा के मरीज़ों के इलाज में भी लंग फ्लूइट का इस्तेमाल करके इसके परिणामों पर परीक्षण कर रहे हैं।