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स्टिचलेस वाल्व सर्जरी नतीजे हैं उत्साह बढ़ाने वाले

दिल के वाल्वों में कई कारणों से खराबी आ जाती है, लेकिन आधुनिक सर्जरी के जरिये वाल्व से संबंधित विकारों को कहीं ज्यादा बेहतर ढंग से दूर किया जा सकता है...

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2015 03:33 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2015 03:37 PM (IST)
स्टिचलेस वाल्व सर्जरी नतीजे हैं उत्साह बढ़ाने वाले

दिल के वाल्वों में कई कारणों से खराबी आ जाती है, लेकिन आधुनिक सर्जरी के जरिये वाल्व से संबंधित विकारों को कहीं ज्यादा बेहतर ढंग से दूर किया जा सकता है...

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हृदय की एक गंभीर बीमारी है इसके वाल्व का खराब या आसामान्य हो जाना। अभी भी वाल्व की खराबी का उपचार पारंपरिक सर्जरी (ओपन हार्ट सर्जरी) के जरिये किया जा रहा है। मौजूदा दौर में यह सर्जरी भी सुरक्षित है, लेकिन स्टिचलेस वाल्व सर्जरी, ओपन हार्ट सर्जरी की तुलना में कहींज्यादा बेहतर है। मानव हृदय में वाल्व इतने खुलते हैं कि रक्त इनसे बह सके।

फिर ये रक्त को वापस पीछे की ओर बहने से रोकने के लिये बंद हो जाते हैं। ये वाल्व इसलिएआवश्यक होते हैं कि रक्त एक दिशा में बहे, दोनों दिशाओं में नहीं। जब ये वॉल्व खराब हो जाते हैं या लीक करने लगते हैं या फिर ये संकरे हो जाते हैं, तो इन्हें ठीक करने या बदलने की आवश्यकता होती है।

चार वाल्व

हृदय में चार वाल्व होते हैं। एओर्टिक वाल्व, माइट्रल वाल्व, ट्राईकसपिड वाल्व और पल्मोनरी

वाल्व। एओर्टिक वाल्व को सबसे अधिक बदला जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसे ठीक नहीं किया जा सकता। माइट्रल वाल्व को सबसे अधिक रिपेयर किया जाता है। बहुत ही कम मामलों में ट्राईकसपिड वाल्व या फिर पल्मोनरी वॉल्व को ठीक करने या बदलने की आवश्यकता होती है। अगर हृदय का कोई वॉल्व ठीक प्रकार से काम नहीं कर रहा है, तो इसे ठीक करने या बदलने के लिये सर्जरी आवश्यक है। हार्ट वॉल्व सर्जरी तब की जाती है, जब चार में से कम से कम एक वॉल्व ठीक प्रकार से काम नहीं करता।

ट्रांस आर्टीरिएल वाल्व इंप्लांटेशन (संक्षेप में टैवी) तकनीक के अंतर्गत वाल्व को सर्जरी के

बगैर लगा दिया जाता है लेकिन इस तकनीक की भी कुछ खामियां हैं।

विशेषताएं

आधुनिक स्टिचलेस तकनीक में खराब वाल्व को निकाल दिया जाता है। यह तकनीक तुलनात्मक

रूप से सुरक्षित और सफल है। गौरतलब है कि ओपन हार्ट सर्जरी में 10 से 12 इंच का कट लगाया जाता है और 12 से 16 टांके लगते हैं और इस सर्जरी में लगभग 5 से 7 घंटे का समय लगता है। लगभग 4 घंटे सर्जरी में और डेढ़ घंटा वॉल्व को सेट करने में। वहीं दूसरी ओर स्टिचलेस वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी ओपन हार्ट सर्जरी की तुलना में बेहतर है, क्योंकि इसमें वाल्व को सेट करने में केवल 3 से 5 मिनट का समय लगता है औरअस्पताल में भी अधिक दिनों तक नहीं रहना पड़ता। यह सर्जरी उन हृदय रोगियों के लिये बहुत उपयोगी है, जिनकी बीमारी अंतिम चरण में है या जो ऑपरेशन की लंबी प्रक्रिया को बर्दाश्त नहीं कर सकते।

डॉ. अजय कौल

सीनियर कार्डियोथोरेसिक एन्ड वैस्कुलर सर्जन

बी.एल.के. हॉस्पिटल, नई दिल्ली


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