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इस मौसम में दस्त से मिलेगी राहत

गर्मियों के आते ही सूर्य की किरणें अति तीव्र हो जाती हैं। बाहरी तापमान के साथ शरीर में अंदर भी गर्मी यानी पित्त की वृद्धि होती है। शरीर की पाचक अग्नि और बल तुलनात्मक रूप से क्षीण होने लगते हैं। 'अग्नि' और बल(इम्यूनिटी) के कम होने के कारण अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। इन रोगों मे

By Edited By: Published: Tue, 01 Apr 2014 12:13 PM (IST)Updated: Tue, 01 Apr 2014 12:13 PM (IST)
इस मौसम में दस्त से मिलेगी राहत

गर्मियों के आते ही सूर्य की किरणें अति तीव्र हो जाती हैं। बाहरी तापमान के साथ शरीर में अंदर भी गर्मी यानी पित्त की वृद्धि होती है। शरीर की पाचक अग्नि और बल तुलनात्मक रूप से क्षीण होने लगते हैं। 'अग्नि' और बल(इम्यूनिटी) के कम होने के कारण अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। इन रोगों में ज्यादातर होने वाला रोग है-दस्त (अतिसार या डायरिया)।

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लक्षण

दस्त से शरीर का जल अधिक मात्रा में बाहर निकल जाता है। पणिामस्वरूप शरीर की धातुओं को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता। इस कारण ये लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं..

-थकान महसूस करना।

-कमजोरी महसूस करना।

-सिर दर्द और बदन दर्द।

-बुखार आना।

-पेट में मरोड़ होना।

-दस्त के कारण लो ब्लड प्रेशर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

कारण

अधिक मात्रा में भारी (गरिष्ठ) भोजन करना, समय पर भोजन न करना और आंतों में संक्रमण, कृमि(पेट में कीड़े) और फूड प्वॉयजनिंग दस्त के कुछ प्रमुख कारण हैं।

पाचक अग्नि कम होने के कारण भोजन पूरी तरह से नहीं पचता। इसलिए आधा पचा भोजन दस्त के रूप में बार-बार बाहर निकलता है।

रोकथाम व इलाज

दस्त रोकने के लिए अनार का रस, छाछ (मट्ठा) और चावल की माड़ का प्रयोग करें। एक चम्मच धनिया पानी में उबाल कर लेने से भी दस्त रोका जा सकता है। पयाप्त मात्रा में तरल पदार्र्थो या जूस का सेवन शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने में सहायक है।

-पित्त को शांत करने के लिए प्रात: खाली पेट 20 मिली.मात्रा में आंवला या एलोवेरा का जूस पीना लाभप्रद है।

-नीम के 7-8 पत्ते खाली पेट चबाने से भी आंतों के कृमि (कीड़े) नष्ट होते हैं और इन्फेक्शन कम हो जाता है।

-अगर मांसपेशियों में दर्द हो, तो एक चम्मच अदरक के रस का सेवन खाने से पहले करें। अदरक के रस के सेवन से पाचक अग्नि भी बढ़ती है।

-फ्लूइड इलेक्ट्रोलाइट बैलेन्स को बनाए रखने के लिए नारियल पानी पीना चाहिए। यदि नारियल पानी उपलब्ध न हो तो 1 गिलास पानी में एक चम्मच चीनी और 1/4 चम्मच नमक मिलाकर पिएं। सुपाच्य और ताजा भोजन लें।

-रेफ्रीजेरेटेड खाद्य पदार्र्थो का कम से कम प्रयोग करें। इस दौरान अधिक शारीरिक श्रम भी न करें और विश्राम करें।

-मल को बांधने वाली वस्तुएं जैसे-चावल, केला और अनार का रस आदि का सेवन करें।

(डॉ.प्रताप चौहान

वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ नई दिल्ली।)


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