Move to Jagran APP

मीठे से ज्यादा खतरनाक हैं मिथक

मिथ: डाइबिटीज से प्रभावित व्यक्ति एक सामान्य जीवन नहीं व्यतीत कर सकता। तथ्य: अच्छी देखभाल के साथ आप मधुमेह (डाइबिटीज) के साथ एक लंबा स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। कई लोगों का यह मानना है कि डाइबिटीज हो जाने का मतलब है कि वे कई भयानक जटिल बीमारियों का शिकार हो

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 05 May 2015 12:30 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2015 12:52 PM (IST)
मीठे से ज्यादा खतरनाक हैं मिथक

मिथ: डाइबिटीज से प्रभावित व्यक्ति एक सामान्य जीवन नहीं व्यतीत कर सकता।

loksabha election banner

तथ्य: अच्छी देखभाल के साथ आप मधुमेह

(डाइबिटीज) के साथ एक लंबा स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। कई लोगों का यह मानना है कि डाइबिटीज हो जाने का मतलब है कि वे कई भयानक जटिल बीमारियों का शिकार हो जाएंगे। लेकिन यह सच नहीं है। यह सच है कि मधुमेह एक गंभीर बीमारी है लेकिन अगर आपने अपनी अच्छी तरह देखभाल की, तो मधुमेह से होने वाली जटिल समस्याओं से बचाव संभव है। आप बीमारी के बारे में डॉक्टर से पूछें।

पूरी जानकारी हासिल करें। डर को ज्ञान से हराया जा सकता है। हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली

को नियंत्रित व संतुलित रखना पड़ेगा। आप भी संतुलित आहार लें, व्यायाम करें, नियमित जांच करवाएं और सतर्क रहें। आप खुद ही मधुमेह पर नियंत्रण रखने में सक्षम हैं।

मिथक: शुगर या चीनी युक्त खाद्य पदार्थ लेने से मधुमेह होता है।

तथ्य: अधिकतर लोग सिर्फ चीनी और उससे निर्मित खाद्य पदार्र्थों के अधिक सेवन को ही

मधुमेह का कारण मानते हैं। यह गलत धारणा है। टाइप-2 मधुमेह आनुवंशिक (जेनेटिक्स) कारणों और गलत

जीवन शैली की वजह से होता है।

किसी भी स्रोत से कैलोरी में उच्च आहार वजन बढ़ा सकता है और अधिक वजन होना टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ाता है।

फिर चाहे वह कैलोरी मीठे खाद्य पदार्थों से आए या मैदे से या तले खाद्य पदार्थों से।

शुगर युक्त ड्रिंक्स का सेवन टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ाता है।

मिथक: इंसुलिन आखिरी पड़ाव है।

तथ्य: इंसुलिन का नाम सुनते ही कई लोग भयभीत हो जाते हैं और कई प्रकार के डर

उन्हें मन ही मन परेशान करने लगते हैं। मधुमेह में या तो शरीर में पर्याप्त मात्रा में

इंसुलिन नहीं बनता था फिर आपके सेल्स इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करते। समय के

साथ इंसुलिन बनाने की क्षमता कम हो जाती है और टाइप-2 मधुमेह से प्रभावित

लोगों को भी कभी न कभी इंसुलिन का प्रयोग अस्थाई तौर पर करना पड़ सकता

है। टाइप-2 मधुमेह में लोगों को अक्सर जटिलताओं से बचाव करने के लिए और

एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए इंसुलिन दी जाती है। कई बार इंसुलिन थोड़े

समय के लिए देकर हटा भी दी जाती है।

इंसुलिन से न घबराएं, यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है।

मिथक: मधुमेह की दवाओं से जब तक बचा जा सके, बचना चाहिए।

तथ्य: यह सच है कि टाइप-2 मधुमेह में ब्लड शुगर पर नियंत्रण रखने के लिये

संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की महत्वपूर्ण भूमिका है, परन्तु अगर आपके

डॉक्टर ने आपको दवा लेने की सलाह दी है, तो दवा जरूर लें। लक्ष्य शुगर को

नियंत्रण में लाना है, दवाओं से बचाव नहीं। ऐसा इसलिए, क्योंकि अनियंत्रित शुगर शरीर

के अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए इलाज से न कतराएं।

मिथक: मधुमेह के रोगी को फल नहीं खाना चाहिए।

तथ्य: सच इस बात के बिल्कुल विपरीत है।

फल मधुमेह से प्रभावित लोगों के लिए लाभकारी होते हैं। फल न केवल फाइबर

(रेशा) प्रदान करते हैं, बल्कि उनमें अधिकतम विटामिन्स और मिनरल्स भी पाए

जाते हैं। हमें फलों से एन्टीऑक्सीडेंट भी प्राप्त होते हैं जो हमारी सेहत के लिए बहुत

लाभकारी होते हैं। मधुमेह रोगियों को फलों का रस नहीं पीना चाहिए। रस में फाइबर

नहीं होता और चीनी की मात्रा बढ़ जाती है। रेशेदार फल जैसे अनार, सेब, संतरा और

पपीता खाने से ब्लड शुगर नियंत्रित होता है।

शुभदा भनोत

डाइबिटीज एजूकेटर एन्ड चीफ न्यूट्रीशनिस्ट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.