माइक्रो एंडोनेजल सर्जरी मिल रहे हैं अच्छे नतीजे
मस्तिष्क के अंदर मौजूद कुछ विकारों को दूर करने में माइक्रो एंडोनेजल सर्जरी उत्साहवद्र्धक परिणाम दे रही है...
इक्रो एंडोनेजल सर्जरी का उपयोग कपाल या खोपड़ी (स्कल) में मौजूद खामियों को या फिर दिमाग में मौजूद ब्रेन ट्यूमर को हटाने के लिए किया जाता है।
यह बेहतर कैसे है
ब्रेन ट्यूमर हटाने की यह आधुनिक तकनीक है। इसमें हाई रिजोल्यूशन और मैग्नीफाइड व्यू का
भी इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रक्रिया कंप्यूटर असिस्टेड न्यूरो-नेविगेशन के साथ जोड़ दी जाती
है। माइक्रो एंडोस्कोपी उत्कृष्ट तस्वीरें दिखाती हैं और व्यापक नजरिया प्रदान करती है। इससे
ट्यूमर बड़े आकार में देखा जा सकता है। इससे ऐसे कई ट्यूमरों को निकाला जा सकता है, जिन्हें
निकालना बेहद कठिन होता था।
सर्जन को क्या सुविधा मिली है
- उन्नत टेक्नोलॉजी के बल पर सर्जन प्रभावित जगह को स्पष्ट रूप से देख सकता है।
- सर्जन दिमाग के जटिल स्थानों तक सरलता से पहुंच सकता है। सर्जरी के लिए वह दोनों
हाथों का इस्तेमाल कर सकता है। वह नाक व साइनस के अंदर से ऑपरेट करता है, जिसका
मतलब है कि सर्जन कपाल पर कोई कट लगाए बगैर सीधे मस्तिष्क तक पहुंच सकता है और
ट्यूमर की जगह को करीब से देखकर उसे सुरक्षित ढंग से निकाल देता है।
तकनीक से लाभ: माइक्रो एंडोनेजल सर्जरी
मिनिमली इन्वेसिव पद्धति है। यानी रोगी के शरीर पर न्यूनतम चीरफाड़ या किसी उपकरण
के प्रवेश कराने की जरूरत कम से कम पड़ती है। रक्त की हानि और मरीज को पीड़ा कम होती
है। इस कारण मरीज शीघ्रता से स्वास्थ्य लाभ करता है और हृदय संबंधी, न्यूरो और सांस
संबंधी जटिलताओं का जोखिम घट जाता है।
धमनियों, तंत्रिकाओं व दिमाग के अन्य हिस्सों में चोट का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा
यह प्रक्रिया सर्जरी के अन्य जोखिम जैसे सूजन, संक्रमण आदि को भी कम करने में सहायक है।
ध्यान दें: माइक्रो एंडोनेजल सर्जरी को टीम बना कर अंजाम दिया जाता है। इसमें न्यूरोसर्जन व
ईएनटी सर्जन भी शामिल होते हैं। इससे मस्तिष्क के नाजुक न्यूरो-वैस्कुलर ढांचे को सुरक्षित रखने
में मदद मिलती है। संक्षेप में माइक्रो एंडोनेजल सर्जरी कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की सटीकता के साथ
सर्जन के कौशल का भी कमाल है। इस कारण सर्वश्रेष्ठ संभव नतीजे मिलते हैं।
डॉ. मनीष वैश्य वरिष्ठ न्यूरो-सर्जन
फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा