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इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक: परिवार नियोजन का एक और विकल्प

राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक- डिपो मेडरॉक्सी प्रोजेस्टेरॉन एसीटेट (डीएमपीए) को शामिल कर लिया गया है। सरकार के इस प्रस्ताव को शामिल किए जाने के बाद

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2016 02:50 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2016 02:55 PM (IST)
इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक: परिवार नियोजन का एक और विकल्प

राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक- डिपो मेडरॉक्सी प्रोजेस्टेरॉन एसीटेट (डीएमपीए) को शामिल कर लिया गया है। सरकार के इस प्रस्ताव को शामिल किए जाने के बाद इंजेक्टेबल गर्भनिरोधकों का एक और आधुनिक कारगर विकल्प अब महिलाओं के पास उपलब्ध हो चुका है।

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स्त्री रोग विशेषज्ञों के सामने रोजाना ऐसे अनेक मामले सामने आते हैं, जिनमें महिलाओं के लिए

गर्भनिरोधक साधनों की सीमित उपलब्धता के चलते उन्हें अनचाहे गर्भ, गर्भावस्था और गर्भपात से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

वैसे तो अब तक महिलाओं के लिए कई

गर्भनिरोधक उपाय मौजूद रहे हैं, लेकिन इंजेक्टेबल इंजेक्शन की विशेषताएं अलग हैं।

चिंताजनक तथ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार असुरक्षित गर्भपात के कारण होने वाली जटिलताओं के चलते विकासशील देशों में हर 8 मिनट पर एक महिला की मृत्यु होती है।

इंजेक्शन की विशेषताएं

वैसे तो अन्य इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक महिलाओं के लिए पहले से ही उपलब्ध हैं, किन डीएमपीए गर्भनिरोधक ही सिर्फ तीन महीने के लिए कारगर होता है। डीएमपीए परिवार नियोजन का सरल और सुरक्षित तरीका है, जिसका सावधानी से प्रबंधन किया जा सकता है। यह तरीका खास तौर पर उन महिलाओं के लिए सुविधाजनक है, जो रोजाना गोली खाना याद नहीं रख सकतीं। डीएमपीए में प्रोजेस्टिन नामक तत्व पाया जाता है, जो प्रोजेस्टेरॉन नामक कुदरती हार्मोन की तरह काम करता है। डीएमपीए इंजेक्शन सर्वाइकल म्यूकस को गाढ़ा कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप शुक्राणु (स्पर्म), अंडाणु (एग) तक नहीं पहुंच पाते। यह गर्भाशय के अस्तर को पतला करता है और अंडाणु के उत्सर्जन को भी रोकता है। ये हॉर्मोनल गर्भनिरोधक लगभग सभी महिलाओं के लिए सुरक्षित और उपयुक्त हैं। चाहे वे स्तनपान करा रहीं हों, उनके बच्चे हों या न हों, और यहां तक कि जो

हाल ही में चाहे या अनचाहे गर्भपात से गुजरी हों। डीएमपीए की स्वीकार्यता दर बहुत अच्छी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसे हर तीन महीने बाद इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है।

कब लें इसे

यह इंजेक्शन माहवारी के सात दिनों के अंदर या गर्भपात के पहले सात दिनों के अंदर लेना चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाएं बच्चे के जन्म के 6 सप्ताह के बाद इंजेक्शन ले सकती हैं। महिला जब तक बच्चा न चाहे, वह हर तीन महीने पर यह इंजेक्शन लेना जारी रख सकती है।

सभी गर्भनिरोधकों के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं। इसलिए महिलाओं को डीएमपीए के साइड इफेक्ट्स के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए और फिर इसके बाद ही इसका प्रयोग करना चाहिए।

डॉ.सुनीता मित्तल

वरिष्ठ स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस

मेमोरियल रिसर्च, इंस्टीट्यूट, गुडग़ांव


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