डिप्रेशन से टाइप-2 डायबिटीज की भी आशंका
डिप्रेशन से टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है। डिप्रेशन के साथ मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर होता है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की मौजूदगी में तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
टोरंटो। डिप्रेशन या अवसाद की समस्या लगातार ब़ढती जा रही है। इसके साथ दूसरी बीमारियों की आशंका में वृृद्धि हो रही है। ताजा शोध के मुताबिक, डिप्रेशन से टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है। डिप्रेशन के साथ मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर होता है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की मौजूदगी में तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। ऐसे लोगों में टाइप-2 डायबिटीज होने खतरा छह गुना ब़$ढ जाता है। डिप्रेशन के अभाव में इसकी आशंका चार गुना तक रहती है।
कनाडाई शोधकर्ताओं के ताजा शोध से टाइप-2 डायबिटीज के खतरों से निपटने की उम्मीद ब़$ढी है। शारीरिक और मानसिक स्थितियों का आकलन कर इस समस्या से बचा जा सकता है। मालूम हो कि पूरी दुनिया में डायबिटीज अब महामारी का रूप ले चुकी है। विकसित देशों के अलावा विकासशील देशों में भी यह समस्या लगातार ब़$ढती जा रही है।